उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र से एक अनोखा और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी में मात्र 1 हजार रुपये न मिलने पर बिचौलिये ने पूरी बारात को वापस लौटा दिया। इस घटना ने न केवल शादी समारोह में शामिल लोगों को स्तब्ध कर दिया बल्कि गांव में भी चर्चा का विषय बन गई। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा और अंत में इंस्पेक्टर ने खुद कन्यादान कर लड़की की विदाई कराई।
घटना का विवरण
घटना बुधवार की है, जब हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र के गांव पोपाई में रहने वाले शगीर की बेटी का निकाह ग्रेटर नोएडा से आई बारात के साथ हो रहा था। निकाह की रस्में पूरी होने के बाद विदाई की तैयारी चल रही थी। इसी बीच, शादी के लिए मध्यस्थता करने वाले बिचौलिये ने अपने तयशुदा 1 हजार रुपये की मांग की। जब उसे यह रकम नहीं मिली, तो वह नाराज हो गया और उसने दूल्हे के परिवार पर दबाव डालते हुए पूरी बारात को वापस ले जाने की धमकी दे डाली।
बारात लौटाने की इस धमकी से शादी का माहौल बिगड़ गया और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से दुल्हन के परिवार वाले भी चिंतित हो गए। बारात लौटाने का निर्णय सुनकर गांव में अफरा-तफरी मच गई और इस बीच पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही गढ़मुक्तेश्वर पुलिस तुरंत हरकत में आई। गढ़मुक्तेश्वर थाने के इंस्पेक्टर नीरज कुमार और उनकी टीम मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने सबसे पहले दूल्हे और उसके परिवार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, ताकि समस्या की जड़ को समझा जा सके।
इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। बिचौलिये ने अपने हिस्से के 1 हजार रुपये न मिलने पर यह विवाद खड़ा किया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को एक साथ बिठाकर समझौते की कोशिश शुरू की। पुलिस के काफी प्रयासों के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत से विवाद का हल निकाला गया।
इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने निभाया कन्यादान
जब मामला सुलझ गया और दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया, तब विदाई की रस्मों को पूरा करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर के थाना प्रभारी नीरज कुमार ने खुद आगे आकर कन्यादान की रस्म निभाई। उन्होंने लड़की के परिवार की ओर से कन्यादान किया और शादी की बाकी रस्में पूरी कराईं। इसके बाद दुल्हन की विदाई कराई गई, जिससे विवाह का समापन हुआ।
घटना से लोगों में फैली हलचल
यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई। लोगों को इस बात पर हैरानी थी कि मात्र 1 हजार रुपये की मांग पर इतनी बड़ी बारात को वापस लौटाने की नौबत आ सकती है। घटना के बाद गांव में पुलिस की भूमिका की भी सराहना की जा रही है, क्योंकि अगर समय पर पुलिस ने हस्तक्षेप न किया होता, तो यह विवाद और बढ़ सकता था।
गढ़मुक्तेश्वर पुलिस के त्वरित हस्तक्षेप और इंस्पेक्टर नीरज कुमार की समझदारी ने शादी को टूटने से बचा लिया और परिवारों के बीच का तनाव खत्म कर दिया। स्थानीय लोग अब इस मामले को एक सीख के रूप में देख रहे हैं कि कैसे छोटे विवाद भी बड़े विवादों में तब्दील हो सकते हैं, अगर उन्हें समय रहते नहीं सुलझाया गया।
समझौते के बाद खुशहाल विदाई
पुलिस की मध्यस्थता से मामला शांत हो गया और समझौते के बाद दोनों पक्षों ने शादी की बाकी रस्में खुशी-खुशी पूरी कीं। दूल्हे और दुल्हन के परिवारों ने भी पुलिस का आभार जताया, जिन्होंने इस जटिल स्थिति को संभाला और विवाद को सुलझाया। विदाई के बाद शादी का माहौल सामान्य हो गया और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हुए समारोह का समापन किया।