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Anti-Terrorism Conference-2024: आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024: गृह मंत्री अमित शाह का नेतृत्व, आतंकवाद मुक्त भारत बनाने पर जोर

Anti-Terrorism Conference-2024: Leadership of Home Minister Amit Shah, emphasis on making India terrorism free

Anti-Terrorism Conference-2024: भारत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और सशक्त बनाने के लिए आज से नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024’ का आयोजन शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन का नेतृत्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भविष्य की आतंकवाद विरोधी नीतियों और रणनीतियों को आकार देना और भारत को आतंकवाद मुक्त बनाने की दिशा में सशक्त कदम उठाना है।

आतंकवाद मुक्त भारत के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता

गृह मंत्री अमित शाह ने सम्मेलन के प्रारंभ में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ यानी शून्य सहनशीलता की नीति अपना रही है। उनका कहना है कि मोदी सरकार का संकल्प एक ऐसा भारत बनाने का है, जो आतंकवाद से मुक्त हो। सरकार की प्रतिबद्धता है कि आतंकवाद की हर प्रकार से जड़ों को समाप्त करने के लिए सभी सरकारी विभाग और एजेंसियां मिलकर काम करें।

सम्मेलन में विभिन्न एजेंसियों और विशेषज्ञों की भागीदारी

‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024’ में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारी, कानून, फोरेंसिक और प्रौद्योगिकी से जुड़े विशेषज्ञ, और आतंकवाद से निपटने के लिए जिम्मेदार विभिन्न विभागों के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस सम्मेलन में कानूनी ढांचे, अभियोजन की चुनौतियों, और उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।

सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले विशेषज्ञों द्वारा आतंकवादी नेटवर्क की पहचान, उसे ध्वस्त करने के तरीकों, और उसके खिलाफ कानूनी ढांचा मजबूत करने के प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी। इन चर्चाओं के दौरान आतंकवादी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए वैश्विक कानूनी सहयोग और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों का भी विश्लेषण किया जाएगा।

विभिन्न विषयों पर चर्चा और तालमेल बढ़ाने का उद्देश्य

गृह मंत्रालय के अनुसार, इस सम्मेलन का मुख्य फोकस विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल विकसित करना है, ताकि सरकार के विभिन्न विभाग और एजेंसियां मिलकर आतंकवाद के खिलाफ संगठित और एकजुट कार्रवाई कर सकें। सम्मेलन का उद्देश्य न केवल विचार-विमर्श करना है, बल्कि भविष्य की आतंकवाद विरोधी नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी और अनुभव साझा करना भी है। इसमें देश के कानूनी ढांचे को और सशक्त बनाकर अभियोजन की कार्यक्षमता को बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।

तकनीकी नवाचारों और कानूनी ढांचे का विकास

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञ आतंकवाद-रोधी जांच में कानूनी और तकनीकी नवाचारों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित करेंगे। फोरेंसिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा उभरती तकनीकों की भूमिका और उनके आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रभावी इस्तेमाल पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, कानूनी ढांचे को मजबूत करने और अभियोजन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के तरीकों पर विचार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति

गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाकर इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्मेलन में विभिन्न अनुभवों और अच्छे तरीकों को साझा करने के साथ-साथ देश के कानूनी और प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत करने पर भी विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी रणनीतियां तैयार की जा सकें।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर

सम्मेलन में यह भी चर्चा होगी कि भारत में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क को प्रभावी ढंग से समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग की क्या भूमिका हो सकती है। इस संदर्भ में, विभिन्न देशों के साथ मिलकर काम करने और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक रणनीतियों को अपनाने पर भी जोर दिया जाएगा। इससे न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

आतंकवाद मुक्त भारत की दिशा में ठोस कदम

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह प्रयास है कि भारत की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाए जाएं, जिससे देशवासियों को एक सुरक्षित और आतंकवाद-मुक्त माहौल मिल सके। इस दिशा में ‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024’ का आयोजन निश्चित रूप से भारत की आतंकवाद विरोधी नीतियों को और अधिक सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

यह सम्मेलन न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि भविष्य में आतंकवाद के खतरे का सामना करने के लिए नए दृष्टिकोण और रणनीतियों को तैयार करने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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