नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं. डॉ. अब्दुल कलाम की आज (27 जुलाई) को 7वीं पुण्यतिथि है. सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें श्रंद्धाजलि दे रहे है. जिससे पता चलता है कि आज भी लोग उन्हें उतना ही प्यार देते हैं.
उन्होंने लोगों के दिलों और मस्तिष्क पर ऐसा छाप छोड़ा है कि उसे भुला पाना नामुमकिन है. कलाम की पुण्यतिथि ऐसे समय पर पड़ी है जब एक तरफ मुर्मू ने इसी सोमवार को राष्ट्रपति पद पर शपथ ले ली वहीं दूसरी तरफ रामनाथ कोविंद की राष्ट्रपति भवन से विदाई हो गई है. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता है.
आज 27 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि है. बता दें कि 2015 में मेघालय के शिलॉन्ग में बच्चों को भाषण देने के बाद अब्दुल कलाम का निधन हुआ था. उनके अच्छे और उच्चतम विचार लोगों को प्रेरणा देते हैं. समाज के सभी वर्गों के लिए सोचने के वाले अब्दुल कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था.
अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए अपना अतुल्यनीय योगदान देकर देश की सेवा की है. डॉ. कलाम को 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 में रामेश्र्वरम, तमिललनाडु में हुआ था.
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राष्ट्रपति भवन से जुड़ा एक किस्सा उनकी सादगी और ईमानदारी का सही उदाहरण देता है. देश के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में परिवार को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया. परिवार के 52 लोग दिल्ली आए और 8 दिन तक वो यहीं रहे.
उनके जाने के बाद कलाम में परिजनों के रुकने से लेकर उनके खाने तक का खर्च अपनी जेब से दिया. इतना ही नहीं परिवार के लोग दिल्ली के बाद अजमेर शरीर भी गए. इन सबका कुल खर्च तीन लाख बावन हजार रुपये हुआ जिसे कलाम में चेक के जरिए प्रेसिडेंट हाउस ऑफिस को भेजा.
एक बार राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में टहलने के दौरान उन्होंने एक मोर दिखा. वह मुंह नहीं खोल पा रहा था. यह देखने के बाद उन्होंने तुरंत जानवरों के डॉक्टर को बुलाया और मोर की जांच करने को कहा. जांच में सामने आया कि मोर के मुंह में ट्यूमर है. इसलिए वो मुंह नहीं खोल पा रहा था. उन्होंने उसका इलाज कराया.
डॉ. अब्दुल कलाम प्रेरणादायक बातें
1. इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता है,
जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.
2. एक महान लक्ष्य बनाया जाए,
ज्ञान अर्जित किया जाए,
कड़ी मेहनत की जाए,
और दृढ़ रहा जाए.