Delhi Excise Policy Case: दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Excise Policy Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गुरुवार को सीएम अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने तीनों की न्यायिक हिरासत बढा कर 31 जुलाई तक कर दी है।
आपको बता दें केजरीवाल की आज यानि गुरूवार, 25 जुलाई को न्यायिक हिरासत समाप्त हो रही थी जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और के कविता की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों की न्यायिक हिरासत 31 जुलाई तक बढ़ा दी है। सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। कोर्ट ने केजरीवाल को सीबीआई के मामले में इससे पहले 12 जुलाई को कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा था। ईडी ने 17 मई को 7वीं पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। अरविंद केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें राज्यसभा सांसद संजय सिंह, BRS नेता K. कविता, पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। संजय सिंह जमानत पर रिहा हैं।
21 मार्च को ईडी ने शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिरासत में ले लिया। उसके बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अस्थायी ज़मानत दे दी। 2 जून को लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद केजरीवाल ने एक बार फिर सेरेंडर कर दिया।
मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। न्यायिक हिरासत की अवधि पहले 22 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, लेकिन फिर इसे 26 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। पिछले साल फरवरी में मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले में हिरासत में लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस भेजा था। जिसके बाद कोर्ट ने CBI और ED को 29 जुलाई तक मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मनीष सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि 16 महीने की सजा के बावजूद मुकदमे को अभी तक आगे नहीं बढ़ने दिया गया है।
आपको बता दें अरविंद केजरीवाल 21 मार्च से दिल्ली शराब घोटाला (Delhi liquor scam) केस में जेल में बंद हैं। अब तक वो कई बार राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं, मगर अभी तक उनके लिए राहत की कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है। बता दें दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच CBI और ED दोनों ही जांच एजेंसियां कर रही हैं। ED जहां मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) एंगल से दिल्ली शराब घोटाले (Delhi liquor scam) की जांच कर रही है, तो वहीं CBI भ्रष्टाचार के एंगल से जांच कर रही है। उधर, AAP लगातार अपने नेताओं का बचाव करने में लगी हुई है।