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नेताओं के होश उड़ाने का लिए सख्त हुआ चुनाव आयोग, आपराधिक बैकग्राउंड वालों को नहीं मिलेगा टिकट

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में राजनीतिक दलों ने अगर आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेता को उम्मीदवार बनाया तो उसे समाचार पत्रों में यह जानकारी देनी होगी कि उसका ऐसे नेता को टिकट देने के पीछे का क्या कारण हैं?

Election Commission

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राजस्थान में 15वीं विधानसभा (15th Assembly in Rajasthan) का कार्यकाल समाप्त होने को है. इस साल दिसंबर में नई सरकार का गठन हो जाएगा. ऐसे में प्रदेश में चुनावी तैयारियां जोरों से चल रही है. वहीं विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) भी तैयारियों में लगी हुई है. जनता के दिमाग में सवाल उठ रहे होंगे की राजस्थान में विधानसभा चुनाव (When is the Assembly Election in Rajasthan) कब होंगे?

जानकारी के मुताबिक आपको बता दें चुनाव आयोग की ओर से 7 से 8 अक्टूबर 2023 तक राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों की घोषणा करने का अनुमान लगाया जा रहा है. प्रदेश में पहले की प्रकार इस बार भी एक ही राउंड में चुनाव होने की संभावना है. जैसे ही ईसीआई (Election Commission of India) चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा, आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct in Rajasthan) तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी.

इसी बीच इससे जुड़ी एक खबर सामने आई हैं कहा जा रहा है राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में राजनीतिक दलों ने अगर आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेता को उम्मीदवार बनाया तो उसे समाचार पत्रों में बताना होगा कि उसने ऐसे नेता को टिकट क्यों दिया है? क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था? इसके लिए उन्हें अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा। इससे राजनीति में ऐसे लोगों की एंट्री पर रोक लग सकेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया से बातचीत में अपने 3 दिन के दौरे और चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई बैठकों के बारे में भी जानकारी देते हुए यह बात कही। आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि किसी उम्मीदवार का आपराधिक बैकग्राउंड है या नहीं। इसके लिए ‘नो योर कैंडिडेट’ एप्लिकेशन है। इसमें उम्मीदवार का पूरा शपथ पत्र अपलोड होगा। इसके साथ ही खुद ऐसे बैकग्राउंड के प्रत्याशी को भी समाचार पत्रों में अपनी जानकारी देनी होगी। उन्होंने बताया कि पहली बार वोट फॉर होम की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 40% से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर अंदर वोट फॉर होम की सुविधा पाने वाले मतदाताओं को फॉर्म भरना होगा। जिसके बाद चुनाव आयोग उनके घर से ही वोट देने के लिए व्यवस्था कराएगे।

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आयोग (Election Commission) की मानें तो इस विधानसभा चुनाव में 50% पोलिंग बूथ से लाइव वेबकास्टिंग होगी, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके। इसके साथ ही 1600 बूथ ऐसे होंगे, जिन्हें यूथ संभालेंगे। इसमें महिलाएं भी शामिल होंगी।उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में कुल 5.25 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 2.73 करोड़ पुरुष और 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं वहीं 5.61 लाख दिव्यांग और 604 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं। इसके साथ ही 11.8 लाख मतदाता 80 साल से ज्यादा के हैं। राजीव कुमार ने बताया कि 100 साल से ज्यादा उम्र के 18,462 मतदाता है। 18 से 19 साल के 21.9 लाख युवा पहली बार मतदाता होंगे। जबकि 1.41 लाख मतदाता सर्विस वोटर हैं।

Prachi Chaudhary

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