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LokSabha Election Latest Update: लोकसभा चुनाव प्रचार में आखिर पीएम मोदी ने गोधरा कांड की चर्चा क्यों की ?

LokSabha Election Latest Update: चुनावी माहौल को अपने अनुरूप खड़ा करने के लिए सभी पार्टियां कई तरह के यत्न करती दिख रही है। कही गड़े मुर्दे को उखाड़ा जा रहा है तो कही इतिहास के हवाले से बहुइट सी बातें कही जा रही है। कोई परिवार को लेकर हमला करता दिख रहा है तो कोई किसी की निजी जिंदगी को कुरेद रहा है। राजनीति के इस हमाम में सभी नंगे हैं लेकिन सभी खुद को सबसे भोला कहलाने से भी नहीं चूक रहे हैं।

हिन्दू -मुसलमान की कहानी से लेकर भगवान् की कहानी गाढ़ी जा रही है। कोई पकिस्तान के सहारे राजनीति को साध रहा है तो कोई आरक्षण के नाम पर तो कोई जाति जनगणना को आगे बढ़ाते दिख रहा है। जिधर देखों उधर ही लोगों के बीच नाराजगी है लेकिन इस नाराजगी से किसी को कोई मतलब नहीं है।

अब प्रधानमंत्री मोदी ने गोधरा की चर्चा छेड़ दी है। वही गोधरा जहाँ 22 साल पहले दंगे हुए थे और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। बात तो काफी पुरानी है लेकिन उस बीते बात को फिर से उखाड़ने की कोशिश की जा रही है।

पिछली बार बिहार पहुंचे पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि इंडी गठबंधन वाले आरक्षण का लाभ मुसलमानो को देना चाहते हैं। लेकिन इस बार पीएम मोदी ने तुष्टिकरण के अपने आरोपों को ताकत देने के लिए गुजरात के गोधरा कांड की बात की है। उन्होंने याद दिलाया कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तब गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर 60 लोगों को जिन्दा जलाने की रिपोर्ट सोनिया गाँधी के हिसाब से बनाई गई थी। उन्होंने ऐसी कमिटी बनाई कि जिन्दा जलाने वाले आर्म से छूट जाए। पूरी दुनिया को पता है कि कार सेवकों को जिंदा जलाया गया लेकिन फर्जी रिपोर्ट से उन दोषियों को बचाने की साजिश की गई।

पीएम मोदी आज बिहार मरे राजद पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि राजद का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कार सेवको को ज़िंदा जलाया गया था तब रेल मंत्री ये शहजादे के पिता ही थे जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। उन्होंने गोधरा कांड के दोषियों को बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जजा की कमिटी बनाई थी। तब सोनिया मैडम का राज था। इसलिए उन्होंने बनर्जी कमिटी बनाई थी। उन्होंने ऐसी रिपोर्ट बनाई जिससे 60 लोगों को जिन्दा जलाने वाले को बचाया जा सके। लेकिन अदालत ने उस रिपोर्ट को कचरे में फेंक दिया। कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई। फांसी तक की भी सजा हो गई। पूरी दुनिया को पता था कि कर सेवकों को जिंदा जलाया गया था। यही इनलोगों का इतिहास है। साथियों हम बिहार को लालटेन के युग में जाने नहीं देंगे।

जाहिर है मोदी ने गोधरा कांड की चर्चा करके राजद को घूरने के साथ ही इंडिया गठबंधन पर बड़ा हमला किया है। गोधरा कांड 2002 को 27 फरवरी को हुआ था। ट्रेन में आग लग गई थी या लगाईं गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। तब गुजरात के सीएम मोदी ही थे। और रेल मंत्री नीतीश कुमार थे। उस समय गोधरा कांड की जांच नरेल मंत्री की तरफ से नहीं की गई थी। कांग्रेस की जब सरकार बनी तो लालू यादव रेल मंत्री बने।

2004 में लालू यादव ने रेल अधिनियम का उपयोग करते हुए एक कमिटी का गठन किया था जिसका नाम यूसी बनर्जी कमेटी रखा गया था। 17 जनवरी 2005 को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि आग दुर्घटना वस् लगी थी आग लगने के कोई प्रमाण नहीं मिले। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि साबरमती एक्सप्रेस में साधु लोग बैठे थे जो धूम्रपान कर रहे थे। गलती से आग लग गई।

बिहार में पीएम मोदी के इस बयान के बाद राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है। राजद भी बीजेपी पर हमलावर है और कांग्रेस भी बीजेपी को घेर रही है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि आज के चुनाव में गोधरा की चरचा पर सभी बिहारवासी भौंचक है। राजनीति के नाम पर समाज में जो कुछ भी होता दिख रहा है उसका अंत कहाँ होगा यह कौन जाने लेकिन इतना तो साफ़ है कि चुनाव जीतने के लिए सभी नेता कुछ भी कहने को आतुर हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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