Latest Political News Congress party Delhi: अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के पंजाब प्रभारी देवेन्द्र यादव को दिल्ली कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है जिसके बाद पार्टी में सियासी भूचाल आया हुआ है। अब नीरज बैसोया और नसीब सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि देवेंद्र यादव जो पंजाब में आम आदमी पार्टी की मुखालफत कर रहा है। दिल्ली में उसकी वकालत कैसे करेगा। दोनों नेताओं की तरफ से दिल्ली में पार्टी के टिकट बटवारे पर सवाल उठाते हुए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
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कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश इकाई में इन दिनों जमकर सियासी घमासान मचा हुआ है। दरअसल दिल्ली में लोकसभा की सभी सात सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन में एक साथ चुनाव लड रही है, गठबंधन में चार सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी तो बाकी बची तीन सीटों पर कांग्रेस चुनावी ताल ठोकेगी। गठबंधन में सीट बंटवारे तक तो सब ठीक था लेकिन जैसे ही कांग्रेस ने अपने हिस्से की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, पार्टी में विरोध शुरू हो गया।
सबसे पहले नॉर्थ वेस्ट सीट पर पूर्व सांसद उदित राज को बाहरी बता कर कॉंग्रेस कार्यकर्ताओ ने विरोध शुरू किया। इसके बाद शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बावरिया पर बदसलूकी करने और कार्यकर्ताओ की बात ना सुनने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। नॉर्थ वेस्ट सीट पर सुलगी बगावत की आग पड़ोस की नॉर्थ ईस्ट सीट तक जा भड़की जहां से कांग्रेस ने JNU के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और पार्टी नेता कन्हैया कुमार को बीजेपी के मनोज तिवारी को पटखनी देने के लिए चुनावी दंगल में उतारा है। इससे पहले की कन्हैया अपने कोई दाव पेच चलते वो अपनों की बग़ावत के शिकार हो गए।
चुनाव में किसी भी प्रत्याशी की ताकत उसकी पार्टी और संघठन होता है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशीयो के लिए संघठन उनकी कमजोरी साबित हो रहा है। कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी राजकुमार चौहान की तरह प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया पर अपनी अनदेखी का आरोप लगा कर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके है। अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के साथ लवली ने केंद्रीय नेतृत्व को लिखी चिट्ठी में ये आरोप भी लगाए है की, उनकी मर्जी के खिलाफ पार्टी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया। खैर पार्टी अब लवली की जगह देवेन्द्र यादव को अंतरिम अध्यक्ष बना कर आगे बढ़ चुकी है, लेकिन कॉंग्रेस में अन्तर कलह चर्म पर है।
एक निजी न्यूज चैनल पर लवली ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल चौधरी पर टिप्पणी करते हुए कहा की, ये बच्चे है अभी राजनीति सीख रहे है, एक चुनाव जीत कर खुद को नेता समझ रहे है। लवली के इस बयान पर अनिल चौधरी ने पलटवार किया है और चौधरी ने लवली को जवाब देते हुए X पर वीडियो में कहा मेरा राजनीतिक अनुभव अरविंदर सिंह लवली से कहीं ज्यादा हैं और रही बात राजनीति सीखने की तो मुझे दल बदलने व अपने निजी स्वार्थ के लिए पार्टी को ब्लैकमेल करने वाली राजनीति नहीं सीखनी।
एक तरफ बीजेपी पूरे दम खम के साथ चुनावी रण फतह करने को जी जान से जुटी हुई है वही कांग्रेस के कागजी शेर आपस में ही एक दूसरे पर गुर्रा रहे है। कांग्रेस में उठी बगावत और विरोध की लहर में पार्टी के उम्मीदवारों की नैया भंवर से कैसे पार होगी ये तो राम ही जाने।