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Assam Flood:असम में बाढ़ से लोगों का हाल हुआ बेहाल, ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान को किया पार

Assam Flood: People's condition is miserable due to flood in Assam, Brahmaputra river crosses the danger mark.

Assam Flood: असम में गर्मी काफी पड़ रही थी। जिस वजह से वहां के लोग काफी परेशान थे। इसी बीच बारिश की वजह से असम में बाढ़ जैसे समस्या बन गया जिससे वजह से वहां का हाल खराब होने लगा लेकिन पिछले कुछ दिनों से हालात में सुधार देखने को मिल रहा था। इसी बीच बारिश की वजह से एक बार फिर बिगड़ गए हैं। डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। जिसके बाद राज्य में बाढ़ प्रभावितों की संख्या बढ़ गया है। असम राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि बाढ़ के कारण राज्य के सात जिले प्रभावित है जिसमें 1,33,945 लोग शामिल हैं।

असम में शुक्रवार को पांच जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या घटकर 1,07,385 हो गई थी लेकिन आकड़ा फिर से बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं अच्छी बात रही की असम में बाढ़ के कारण फिलहाल किसी प्रकार का हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है इसी के साथ इस साल बाढ़, तूफान और भूस्खलन की चपेट में आने से 42 लोगों की मौत हो गई है। असम राज्य का कछार जिला बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस इलाके में बाढ़ से 67,030 लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं तो वहीं करीमगंज जिले की बात करे तो यहां 27,235 लोग प्रभावित हुए हैं और धेमाजी में 25,947 लोग प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं। बाढ़ के कारण कामरूप, करीमगंज, धेमाजी, डिब्रूगढ़, कछार, तिनसुकिया और लखीमपुर जिला पूरी तरह से जलमग्न हो गया हैं।

बाढ़ की वजह से राज्य के 8,484 लोगों ने 66 राहत शिविरों में शरण भी ले ली है, इसके बाद पांच अन्य राहत वितरण केंद्र चालू किया गया हैं। वहीं धेमाजी जिले में नाव के जरिये लगभग 100 लोगों को बचाया गया है। इस पूरे मामले में एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि अलग-अलग इलाकों में सड़क, पुल, तटबंध और पुलिया के ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा हे जिससे काफी परेशानी हो रही है।

2023 में भी आया था बाढ़

साल 2023 में असाम के 22 जिलों में 3.40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। उस समय ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई थी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया था कि ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी, गोलपाड़ा, गुवाहाटी, तेजपुर और नेमतीघाट के अलावा दिसांग, बुरिडीहिंग और सुबनसिरी में भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी और इसी वजह से 3,40,937 लोग प्रभावित हुए थे। एक जानकारी के मुताबिक उस समय माजुली सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक थी और यहां 65,035 लोगों बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

Khushi Singh

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