Ayodhya Deepotsav 2024: इस बार और भव्य-दिव्य होगा अयोध्या का दीपोत्सव, जानिए क्या है खासियत
Ayodhya Deepotsav 2024: This time Ayodhya's Deepotsav will be more grand and divine, know what is special
Ayodhya Deepotsav 2024: अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। 25 लाख दीयों का नया रिकॉर्ड बनाने के लिए करीब 28 लाख दीये जलाए जाएंगे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट अयोध्या (ayodhya) पहुंच चुके हैं। उनका कहना है कि तीन बार दीपों की काउंटिंग होगी। पहले सूखे दीप, फिर जलने के बाद मैनुअल काउंटिंग होगी। उसके बाद ड्रोन के जरिये वीडियो बनाकर अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) वाले साफ्टवेयर पर अंतिम गिनती कर घोषणा कर दी जाती है। इस बार हमारी 30 लोगों की टीम आई है।
भव्य राम मंदिर (Ram mandir) में दीपोत्सव पूरी भव्यता के साथ मनेगा। जिसकी विशेष तैयारी में मंदिर ट्रस्ट जुट गया है। मंदिर के गर्भगृह जहां प्रभु रामलला विराजमान हैं, उसमें और आसपास के इलाके को जगमग करने के लिए मंदिर ट्रस्ट ने विशेष प्रकार के खूबसूरत दीयों का निर्माण करवाया है। करीब 300 विशेष दीयों को गर्भगृह के क्षेत्र में सजाया जा रहा है, जो कई घंटे तक जलेंगे। इसको देशी घी से जलाया जाएगा। इन दीयों का निर्माण इस तरीके के किया गया है कि इससे मंदिर के फर्श दीवारों, पत्थरों पर कालिख और गंदगी न पड़ सके।
एक लाख दीये जलेंगे
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, 30 और 31 अक्टूबर को मंदिर में एक लाख से अधिक दीप जलाए जाएंगे। 70 एकड़ के मंदिर परिसर में सरसों के तेल के दीये जलाए जाएंगे, जबकि मंदिर के पत्थरों और दर्शन पथ पर मोम की मोमबत्तियां जलाई जाएंगी। उन्होंने घोषणा की कि मंदिर परिसर में दीपोत्सव के दौरान किसी भी तरह का पर्यावरण प्रदूषण नहीं होगा। भव्य मंदिर में पहली दीपावली को अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मंदिर परिसर को फूलों और बिजली के झालरों से सजाया जा रहा है। शांति बनाए रखने के लिए एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक को मंदिर और परिसर में रोशनी की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया है।
ये हैं तैयारी
सम्पूर्ण मंदिर परिसर को कई खंडों-उप खंडों में विभाजित कर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंदिर के हर कोने-खुदरे को व्यवस्थित ढंग से रोशन करने, साफ सफाई के साथ सजाने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से अलंकृत करने का दायित्व बिहार कैडर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आईजी आशु शुक्ला को दिया गया है। आकर्षक फूलों से भी मनोहारी सज्जा की योजना पर काम चल रहा है। मोम के दीये लंबे समय तक प्रकाशमान तो रहेंगे ही कार्बन उत्सर्जन भी न्यून होगा।