Ayodhya News: इन नायकों के नाम पर बनेंगे राम मंदिर के प्रवेश द्वार
राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर राम मंदिर के सभी चारों प्रमुख प्रवेश द्वार का नाम होगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के सुझाव पर मंदिर निर्माण समिति की बैठक में इस संबंध में सहमति बन गई है।
Ayodhya News: अयोध्या धाम को चारों दिशाओं से जाने वाले मार्गों पर प्रस्तावित प्रवेश द्वारों के नाम प्रसिद्ध ऐतिहासिक साधु-संतों के नाम पर रखे जाएंगे। ये नाम अभी तय नहीं हुए हैं। राम मंदिर अभियान को अयोध्या के बड़े-बड़े साधु-संतों के योगदान से भी बहुत लाभ मिला है। फाउंडेशन ने राम मंदिर में बनने वाले चार द्वारों का नाम बदलकर साधु-संतों के सम्मान में रखने का फैसला किया है।
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राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले साधु-संतों के नाम पर राम मंदिर के सभी चारों प्रमुख प्रवेश द्वार का नाम होगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के सुझाव पर मंदिर निर्माण समिति की बैठक में इस संबंध में सहमति बन गई है। विचार विमर्श के बाद जल्द ही नाम का चयन कर लिया जाएगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी।
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इसके अलावा परिसर में चल रहे निर्माण का निरीक्षण और बैठक की गई। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, कार्यान्वयन एजेंसियों के प्रतिनिधियों और इंजीनियरों ने प्रत्येक मंदिर के निर्माण की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बैठक की। शेष कार्य के बारे में जानकारी एकत्र करने के बाद, एक अपेक्षित समय सीमा निर्धारित की गई।
60% हुआ काम
अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र (President Nripendra Mishra)ने बताया कि मंदिर परिसर में बन रहे परकोटे में अब केवल 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना है। कुल 8 लाख 40 हजार क्यूबिक फीट पत्थर लगने थे। इस तरह 60 प्रतिशत कार्य हो चुका है। कार्य को देखते हुए माना जा रहा कि जून 2025 तक परकोटा और इसमें बन रहे 6 मंदिरों का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
पुष्करिणी सरोवर पर शुरू हो गया काम
इसके अलावा उन्होंने बताया कि राम मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल का काम अभी पूरा हो रहा है। जल्द ही पहली मंजिल पर राम दरबार लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा। जनवरी के प्रथम सप्ताह में जयपुर में बन रहीं सभी मूर्तियों का अंतिम निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सप्तर्षियों के मंदिरों के मध्य बनने वाले पुष्करिणी सरोवर पर काम शुरू हो गया है। ड्राइंग-डिजाइन पर चर्चा हो गई है। अन्य मंदिरों का कार्य भी तेजी से चल रहा है।
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बैठक में ये लोग रहे मौजूद
इस विशेष कार्यक्रम में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, राम मंदिर के प्रशासक गोपाल राव, वास्तुकार आशीष सोमपुरा, टाटा कंसल्टेंसी के परियोजना निदेशक वीके शुक्ला और एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता सहित कई लोग उपस्थित थे।
‘Manmohan Singh ने रखी थी विकसित भारत की आधारशिला’
पूर्व आईएएस अधिकारी और मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार, सेवानिवृत्त प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में विकसित भारत की नींव रखी थी। मैंने उनके अधीन कार्य किया है। हम लोग जो कहते हैं कि वर्ष 2047 तक हमारी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी, हम विकसित देश होंगे, इसकी आधारशिला निश्चित रूप से वित्त मंत्री रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति अपनी शोक संवेदना भी जताई।
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