Bali Pass Trek: चार दिन में पार किया बाली पास ट्रेक, रुद्रप्रयाग के पर्वतारोहियों ने रचा साहस का इतिहास
उत्तराखंड के कठिन बाली पास ट्रेक को चार सदस्यीय दल ने मात्र चार दिनों में पार कर इतिहास रच दिया। इस साहसिक यात्रा में दल ने तूफान और बर्फबारी जैसी चुनौतियों को पार करते हुए यमुनोत्री धाम पहुंचकर अभियान को सफल बनाया। यह ट्रेक रोमांच, आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम का प्रतीक बन गया।
Bali Pass Trek: दुनिया के सबसे कठिन ट्रेक्स में गिने जाने वाले बाली पास ट्रेक को एक चार सदस्यीय दल ने सफलतापूर्वक पार कर लिया है। यह ट्रेक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है और समुद्र तल से लगभग 16,200 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। जहां सामान्यतः इस ट्रेक को पूरा करने में आठ से दस दिन लगते हैं, वहीं इस दल ने इसे केवल चार दिनों में पार करके साहसिक पर्यटन की दुनिया में एक नई उपलब्धि जोड़ी है।
बेस कैंप से शुरू हुई चुनौतीपूर्ण यात्रा
इस साहसिक दल में रुद्रप्रयाग के नवीन जोंटी सजवाण, ऋषिकेश के मुकेश मंजुल शर्मा, जयपुर के दिलीप नाजकानी, और विजय ठाकुर शामिल थे। 29 मई की सुबह अभियान की शुरुआत हुई। नवीन सजवाण ने महज 45 मिनट में बाली पास दर्रे को पार कर लिया, जबकि मुकेश शर्मा ने 55 मिनट में यह चुनौती पूरी की।
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पिछले वर्ष असफल प्रयास, इस बार मजबूत संकल्प
नवीन सजवाण ने बताया कि वह 2023 में भी इस ट्रेक पर निकले थे, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें रुइनसारा झील से लौटना पड़ा था। इस बार भी बेस कैंप पर भारी बर्फबारी और तूफान का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम ने हार नहीं मानी। कठिन हालातों में भी दृढ़ निश्चय और टीम भावना के साथ आगे बढ़ते हुए उन्होंने दर्रे को पार किया।
चार दिन में आठ दिन का सफर
जहां आमतौर पर इस ट्रेक को पूरा करने में 8 से 10 दिन लगते हैं, वहीं इस टीम ने अपने साहसिक हौसले और अनुभव के दम पर इसे महज आधे समय में सफलतापूर्वक पूरा कर दिखाया। यह एक साहसी उपलब्धि है जो न केवल युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन को भी नया आयाम देती है।
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धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ी रही यात्रा
इस अभियान को केवल एक साहसिक मिशन तक सीमित न रखते हुए, दल ने इसे आध्यात्मिक यात्रा के रूप में भी अनुभव किया। दर्रे को पार करने के बाद यह दल यमुनोत्री धाम पहुंचा और फिर जानकी चट्टी तक की यात्रा पूरी की। टीम के सदस्यों ने इस यात्रा को आस्था और साहस का संगम बताया।
बाली पास ट्रेक: प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य और खतरे
बाली पास ट्रेक उत्तरकाशी की हर की दून घाटी को यमुनोत्री धाम से जोड़ता है। यह ट्रेक लगभग 60 किलोमीटर लंबा है और रास्ते में बर्फीले पहाड़, ग्लेशियर, गहरी खाइयाँ, और खतरनाक चट्टानें ट्रैकर्स की परीक्षा लेते हैं। यह ट्रेक उन लोगों के लिए आदर्श है जो रोमांच, चुनौती और हिमालय की सुंदरता को एक साथ अनुभव करना चाहते हैं।
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इस मार्ग में ट्रैकर देवसू बुग्याल, थांगा बुग्याल, रुइनसारा झील, काला नाग, बंदर पूंछ, और स्वर्गारोहिणी पर्वत के मनोहारी दृश्य देखते हुए आगे बढ़ते हैं। हर कदम पर प्रकृति की भव्यता और चुनौती दोनों का अनुभव होता है।
एक प्रेरणादायक उपलब्धि
इस अभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब संकल्प मजबूत हो और टीम का समर्पण पूरा हो, तो हिमालय की ऊंचाइयों को भी चुनौती दी जा सकती है। यह उपलब्धि न केवल दल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि उत्तराखंड के साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने वाली प्रेरणा भी है।
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