देश में महंगाई आसमान छू रही है। इस बीच इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के आयात पर रोक लगा दिया है। इसका असर सबसे ज्यादा भारत पर पड़नेवाला है। अब खाने के तेल के साथ-साथ वो विभिन्न पदार्थ जो पाम ऑयल से निर्मित किए जाते है, सब महंगे होंगे।
साबुन शैम्पू के भी बढ़ेंगे दाम
भारत ज्यादातर पाम ऑयल की पूर्ति इंडोनेशिया और मलेशिया से करता है। पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सूरजमुखी का तेल महंगा हो चुका है। बात करें सरसों के तेल की तो ये पहले से ही हाई लेवल पर है। अब पाम ऑयल के महंगे होने के बाद अन्य कई उपभोग की वस्तुएं महंगी हो सकती है, जैसे केक, बिस्किट, चॉकलेट और साबुन-शैम्पू की कीमतें बढ़ेंगी।
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भारत के लिए क्यों है चिंता की ख़बर
भारत अपनी जरूरत का 70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनेशिया से खरीदता है। वहीं बाकी 30 फीसदी पाम ऑयल मलेशिया से खरीदता है। देश में करीब 90 लाख टन पाम ऑयल आता है। अब इंडोनेशिया के पाम ऑयल बंद करने के बाद बहुत तेजी से महंगाई बढ़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि एफएमजी और सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां पाल ऑयल भारी मात्रा में यूज़ करती है। पाम तेल का उपयोग उद्योग के बहुत से प्रोडक्ट जैसे शैम्पू, टूथपेस्ट, नहाने का साबुन, विटामिन की गोलियां, सौंदर्य प्रसाधन प्रोडक्टस्, केक और चॉकलेट बनाने में खूब यूज किया जाता है। अब भारत को पाम ऑयल के लिए दूसरे विकल्प की तलाश करनी पड़ेगी। क्योंकि जो देश 70 फीसदी पाम तेल आयात करता था उसने अब रोक लगा दी है।
क्या होता है पाम ऑयल
पाम ऑयल एक वनस्पति तेल होता है, जो ताड़ के पेड़ पर लगे बीज से निकाला जाता है। इसका इस्तेमाल खाना बनाने समेत कई कामों में किया जाता है। दुनिया में ये आयल करीब 8 करोड़ टन के आसपास होता है। इस तेल के उत्पादन में मलेशिया पहले नंबर पर है, वहीं दूसरे नंबर मलेशिया काबिज है।