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Bhoo Kanun : भूकानून और मूल निवास को लेकर उत्तराखंड में सियासत गर्म, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने धामी सरकार पर साधा निशाना

Bhoo Kanun: Politics heated in Uttarakhand regarding land law and domicile, Deputy Leader of Opposition Bhuvan Kapri targeted the Dhami government

Bhoo Kanun: उत्तराखंड में इन दिनों सशक्त भू कानून की मांग जोर पकड़ती जा रही है। प्रदेश में जमीन से जुड़े इस कानून को लेकर कई राजनीतिक दल और नेता सक्रिय हो गए हैं। राज्य में भू कानून की आवश्यकता पर जहाँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रुख साफ है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इसी क्रम में, उप नेता प्रतिपक्ष और खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी ने धामी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार भू कानून और मूल निवास के नाम पर लोगों को डराने और ब्लैकमेल करने का काम कर रही है।

भुवन कापड़ी के आरोप: लोगों को किया जा रहा है ब्लैकमेल

भुवन कापड़ी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भू कानून और मूल निवास के नाम पर जिन लोगों ने पहले से उत्तराखंड में जमीन में निवेश किया है, उन्हें धमकाने और वसूली करने के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कानून का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए करना शुरू कर दिया है, जिससे राज्य में भय और अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। कापड़ी ने कहा कि अगर सरकार वाकई में सख्त भू कानून लागू करना चाहती है, तो उसे इस पर विधानसभा में चर्चा करनी चाहिए और कानून को जल्द से जल्द धरातल पर लाना चाहिए ताकि लोगों को वास्तविक लाभ मिल सके।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राज्य के जल, जंगल, जमीन और नदियों को बेच रही है और यह सबकुछ अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “अगर सरकार को भू कानून इतना ही महत्वपूर्ण लग रहा है, तो इसे लागू करने के लिए तुरंत विधानसभा सत्र बुलाकर इस पर चर्चा करें। इसके बजाय, सरकार इस कानून के नाम पर राज्य में डर का माहौल पैदा कर रही है।”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जवाब: सख्त भू कानून की जरूरत

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भू कानून पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से सख्त भू कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जनता ने कई बार इसकी मांग की है और सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रदेश में सख्त भू कानून लागू हो ताकि राज्य की जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सके। हमने अभी तक जो प्रावधान लागू किए हैं, वे भूमि की खरीद-बिक्री में किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए हैं।”

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्तमान में लागू भू कानून के प्रावधानों का अगर किसी ने उल्लंघन किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिस उद्देश्य से भूमि खरीदी गई थी, अगर उस उद्देश्य के अनुसार उसका उपयोग नहीं किया गया है, तो ऐसी भूमि की तुरंत जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने संकेत दिया कि आगामी विधानसभा सत्र में सख्त भू कानून लाया जाएगा, जिससे भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और नियमों के उल्लंघन पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

विपक्ष का सरकार पर आरोप: दोहरा चरित्र उजागर

भुवन कापड़ी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियां राज्य के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा उत्तराखंड की संपत्तियों और संसाधनों को बेचने का कार्य कर रही है और यह अपने चुनिंदा लोगों के हितों को साधने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अगर वह सचमुच राज्य के लोगों के हित में काम कर रही है, तो उसे सशक्त भू कानून लाना चाहिए और इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए।

भू कानून की मांग और प्रदेश की स्थिति

उत्तराखंड में भू कानून की मांग कोई नई बात नहीं है। पिछले कई सालों से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में यह मांग जोर पकड़ती रही है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों का मानना है कि प्रदेश में सशक्त भू कानून होने से बाहरी लोगों द्वारा राज्य की जमीनों की खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा और राज्य के लोगों के हित सुरक्षित रहेंगे। लेकिन, इस मांग को लेकर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद बने हुए हैं। विपक्ष जहां सरकार पर इस मुद्दे को लेकर दबाव बना रहा है, वहीं सत्ताधारी दल का कहना है कि वह जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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