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Shivaji Statue Collapse: शिवाजी मूर्ति गिरने के केस में पुलिस का बड़ा एक्शन..स्ट्रक्चरल कॉन्ट्रैक्टर गिरफ्तार!

Big police action in Shivaji statue collapse case...structural contractor arrested!

Shivaji Statue Collapse: छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिराने के मामले में कोल्हापुर के स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन पाटिल को हिरासत में लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर को इस मूर्ति का अनावरण किया था। अधिकारियों का दावा है कि हवा की गति के कारण प्रतिमा गिरी। पाटिल ने दावा किया कि उनका प्रतिमा में कोई सीधा योगदान नहीं था।

छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। जिस स्ट्रक्चरल इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी चेतन पाटिल को कोल्हापुर में गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने पाटिल की गिरफ्तारी की पुष्टि की। एफआईआर में कलाकार जयदीप आप्टे का नाम भी शामिल है, जयदीप आप्टे अभी फरार है।

बता दें पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई यह प्रतिमा सोमवार को दोपहर 1 बजे के आसपास गिर गई। कोल्हापुर के चेतन पाटिल ने पहले दावा किया था कि वे स्मारक परियोजना के लिए संरचनात्मक सलाहकार नहीं थे।

चेतन पाटिल, स्ट्रक्चरल कॉन्ट्रैक्टर ने बयान दिया कि” मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरे पास कोई कार्य आदेश नहीं था जिसके लिए मुझे नियुक्त किया गया था। यह काम ठाणे स्थित फर्म को दिया गया था। मुझे बस उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था जिस पर मूर्ति बनाई जा रही थी।

क्या हैं पूरा मामला

तटीय सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में 26 अगस्त की दोपहर को भारतीय नौसेना की मराठा नायक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा ढह गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में इस प्रतिमा का अनावरण किया था। इस घटना ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को शर्मिंदा कर दिया और विपक्षी दलों की आलोचना और प्रदर्शन को जन्म दिया। शिंदे ने कहा कि मूर्ति का निर्माण भारतीय नौसेना ने किया था।

कैसे गिरी शिवाजी की प्रतिमा

अधिकारियों का दावा है कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवा चलने के कारण मूर्ति ढह गई। वहीं, भारतीय मानक ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि संरचना बनाते समय हवा की गति लगभग तीन गुना होनी चाहिए।

शिवाजी की मूर्ति से जुड़ी घटना पिछले साल जून में ओडिशा के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम और राउरकेला एयरपोर्ट पर लगी 40 फीट ऊंची मूर्ति के गिरने की घटना से काफी मिलती-जुलती है। दोनों मूर्तियां ‘टखने’ वाले हिस्से से गिरी थीं।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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