Bangladesh High Court on Iskcon: बांग्लादेश में इस्कॉन को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगाने से किया इनकार
बांग्लादेश में चल रहे तनाव और विवाद के बीच इस्कॉन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है, हालांकि हाईकोर्ट से इस्कॉन को फौरी राहत मिल गई है, लेकिन इस संगठन पर संकट बरकरार है।
Bangladesh High Court on Iskcon: बांग्लादेश में इस्कॉन को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है, कोर्ट ने कहा है कि वह अंतरिम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट है। इसलिए फिलहाल इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, बुधवार को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के वकील मोनिरुज्जमां ने जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी की बेंच के सामने याचिका दायर कर इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। साथ ही उन्होंने चटगांव और रंगपुर में आपातकाल घोषित करने की अपील भी की।
अंतरिम सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?
सुनवाई की शुरुआत में डिप्टी अटॉर्नी जनरल असदुद्दीन ने अटॉर्नी जनरल की ओर से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी कोर्ट को दी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस घटना पर सरकार का रुख सख्त है। इस मामले में अब तक तीन मामले सामने आए हैं, एक में 13 लोग, दूसरे में 14 लोग और तीसरे में 49 लोग आरोपी बनाए गए हैं। अब तक 33 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सीसीटीवी के जरिए 6 और लोगों की पहचान की गई है। सरकार ने कोर्ट को बताया है कि पुलिस सक्रिय है, आरोपियों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी अटॉर्नी जनरल असदुद्दीन ने कहा कि चटगांव ही नहीं बल्कि अन्य जगहों पर भी सुरक्षा बल इस मुद्दे पर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ काम कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान एक जज ने कहा कि आगे और जानमाल का नुकसान नहीं होना चाहिए।
हाई कोर्ट ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार
इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर जजों ने कहा कि सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और हमें राज्य की जिम्मेदारी पर भरोसा है। इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि ‘हमारे देश में सभी धर्मों के लोग बहुत सौहार्दपूर्ण और मिलनसार हैं, आपसी सम्मान और प्रेम कभी खत्म नहीं होगा। इसलिए आवेदक को चिंता नहीं करनी चाहिए।’
इस्कॉन के पास क्या विकल्प हैं?
हालांकि बांग्लादेश में इस्कॉन को कुछ राहत मिली है, लेकिन संकट अभी भी बरकरार है। दरअसल कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के कार्यकर्ता लगातार यूनुस सरकार पर इस्कॉन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं। बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने इस्कॉन को कट्टरपंथी संगठन बताया था।
ऐसे में भले ही हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया हो, लेकिन यूनुस सरकार द्वारा इस्कॉन के खिलाफ कार्रवाई का खतरा बना हुआ है। इसलिए इस्कॉन बांग्लादेश में अपने खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार को विफल करने की लड़ाई लड़ने के लिए इन 3 उपायों का इस्तेमाल कर सकता है।
- बांग्लादेश में हो रही कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाइयों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़े।
- इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, इसलिए इसे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के तौर पर वैश्विक मंच पर उठाया जाना चाहिए।
- बांग्लादेश सरकार के खिलाफ आईसीसी में मामला दर्ज किया जाना चाहिए।