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delhi baby care centre fire news update: दिल्ली बेबी केयर सेंटर में बड़ा खुलासा, जांच के बाद सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

A fire that broke out at Baby Care New Born Hospital in Vivek Vihar of Shahdara district on Saturday night took the lives of 7 children.

Delhi Baby Care Centre Fire News Update: पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन कीची समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने अस्पताल में आग लगने की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं।

शाहदरा जिले के विवेक विहार में बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल (Baby care new born hospital) में शनिवार रात लगी आग ने 7 बच्चों की जान ले ली। हादसे के वक्त अस्पताल में 12 बच्चे भर्ती थे। जब आग लगी, तो पुलिस, दमकल विभाग, मेडिकल स्टाफ और लोगों ने अस्पताल की इमारत के पीछे की खिड़की से 12 बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें पूर्वी दिल्ली के एडवांस एनआईसीयू अस्पताल ले जाया गया, जहां 5 बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 7 बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। इनमें नवजात की स्थिति अभी भी बेहद महत्वपूर्ण है। अस्पताल के ग्राउंड लेवल पर पड़ोसियों का आरोप है कि छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर जबरन भरे जा रहे थे। यहीं से आग अस्पताल के ऊपरी तल तक फैल गई। अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन कीची उन दो लोगों में से एक हैं जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है। बताया गया है कि अस्पताल में लगी आग की मजिस्ट्रेट जांच दिल्ली सरकार ने अनिवार्य कर दी है।

देखते ही देखते आग ने अस्पताल के अलावा पड़ोस की 2 अन्य इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। आग से पड़ोसी की बुटीक, एक चश्मे की दुकान, इंडसइंड बैंक का कुछ हिस्सा व पड़ोस की इमारत की पहली और दूसरी मंजिल भी जल गई। आग के दौरान अस्पताल के भूतल पर रखे ऑक्सीजन सिलिंडर एक-एक कर फटने लगे। इसकी वजह से मौके पर अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि सात से आठ सिलिंडर फटे, जिनका मलबा करीब 150 मीटर तक आईटीआई तक पहुंचा। दमकल की 16 गाड़ियों ने आग पर एक घंटे में काबू पा लिया। हादसे के बाद अस्पताल का मालिक डॉक्टर नवीन कीची फरार है। विवेक विहार थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। शाहदरा जिला के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि हादसे का शिकार हुए सात में से एक बच्चे की मौत शनिवार शाम खुद ही हो गई थी। आग से छह ही बच्चों की जान गई है।

पुलिस ने रविवार को GTB अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद सभी मासूमों के शव उनके परिजनों के हवाले कर दिए हैं। क्राइम टीम के अलावा FSL, BSES और दमकल विभाग की टीम ने अस्पताल परिसर का मुआएना किया है। शुरुआती जांच के बाद कुछ लोगों ने अस्पताल की पहली मंजिल पर बनी रसोई से आग लगने की बात कही है। वहीं कुछ लोगों का दावा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर रिफिलिंग के दौरान आग लगी।

बीएसईएस के खंभों से आग लगने की आशंका

कुछ पड़ोसियों ने अस्पताल के ठीक सामने लगे बीएसईएस के खंभों से आग लगने की आशंका जाहिर की है। पुलिस आग की सही वजहों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। हादसे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने हादसे पर दुख जाहिर किया है। एलजी और स्वास्थ्य मंत्री ने हादसे की जांच के आदेश देकर दोषियों को सजा दिलवाले की बात की है।

रात 11.32 बजे लगी आग, अस्पताल में मौजूद था 9 लोगों का स्टाफ…

पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि विवेक विहार सी-54 में बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल के नाम से छोटा सा अस्पताल है। करीब 120 गज की इमारत की पहली मंजिल पर तीन कमरों में 12 ही बच्चों को भर्ती करने की व्यवस्था थी। जन्म के बाद जिन बच्चों समस्याएं होती हैं, उनको दूसरे अस्पतालों से यहां भेज दिया जाता है।

यहां बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर उनका इलाज करते हैं। शनिवार रात करीब 11.32 बजे जब आग लगी तो यहां 2 डॉक्टरों के अलावा छह नर्स और एक गार्ड मौजूद था। आग लगने पर इन लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। पड़ोसियों का कहना है कि अस्पताल की नर्सों ने भी बच्चों को पिछले हिस्से से निकालने में मदद की।

आग की चपेट में पड़ोसी ललित की चश्मे की दुकान के अलावा उनकी पहली और दूसरी मंजिल भी आ गई। किसी तरह ललित धनेजा के परिवार ने भागकर अपनी जान बचाई। वहीं दूसरी ओर पड़ोस की बिल्डिंग बुटी और इंडसइंड बैंक का कुछ हिस्सा जल गया। आग ने एक स्कूटी व एंबुलेंस को भी अपनी चपेट में ले लिया।

दमकल विभाग की 16 गाड़ियों ने 12.40 बजे आग पर तो काबू पा लिया, लेकिन पूरी तरह से आग बुझाने में सुबह के चार बजे गए। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। घटना के बाद लोग दहशत में दिखे। पड़ोसियों ने अवैध सिलिंडर रिफि…

Prachi Chaudhary

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