CM Bihar Nitish Kumar News Today: अब सबकी निगाह बिहार पर ही है। वही बिहार जहां नीतीश बाबू पिछले 20 बरस से राज कर रहे हैं। चाहे बीजेपी की जीत हो या फिर राजद बड़ी पार्टी बनकर उभरे ,मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश बाबू की बैठते रहे हैं। यही नीतीश बाबू की कला है या राजनीतिक विसात। जदयू एक समय में बिहार की बड़ी पार्टी होती थी लेकिन अब नहीं है।
लोकसाभा चुनाव में भले ही नीतीश की पार्टी को अच्छी खास सीटें मिली थी लेकिन अब नया होगा कोई नहीं जानता। पिछले दिनों जिस तर्ज से नीतीश बाबू ने पलटी मार राजनीति को दिखाया बिहार और देश भी दांग रह गया।
जब भी नीतीश बाबू को कुछ करना होता है तो वे कुछ समय तक के लिए चुप्पी मार लेते हैं। फिर अंतिम समय तक उनके लोग यह कहते रहते हैं कि सब कुछ ठीक है और फिर अचानक राजयपाल के सामने वे उपस्थित होते हैं और पिछली सरकार को गिराकर नयी सरकार बना लेते हैं। बिहार और देश की जनता इस तरह से दो बार नीतीश कुमार को देख चुकी है।
इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया। पहले खुद ही सप्ताह भर तक चुप्पी मारे रहे। उनके लोग बाहर बयान देते रहे और कहते रहे ही महागठबंधन एक ही है। केसी त्यागी जो नीतीश के ख़ास माने जाते हैं उनका भी यही बयान था कि इंडिया गठबंधन एक है लेकिन जो हुआ वह देश के सामने है। जाहिर है नेताओं की बोली का कोई मतलब नहीं। अब कोई भी नेता जनता को कुछ भी भरोसा दिलाएगा तो कौन मानेगा। क्या कोई केसी त्यागी से लेकर नीतीश की बातों पर यकीन करेगा ? हरगिज नहीं। लेकिन देश की जनता भी ठीक नहीं है। अगर देश की जनता ठीक होती और झूठे नेताओं मो सबक सिखाती तो आज देश में राजनीति का यह हाल नहीं होता।
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लेकिन अब तो बहुमत की बारी है। 12 फरवरी को क्या होगा उस पर मंथन जारी है। बीजेपी वाले कह रहे हैं उनके पास 18 विधायकों की संख्या है। उधर राजद वाले कह रहे हैं कि जदयू के 19 विधायक उसके संपर्क में हैं। खेला होकर ही रहेगा। नीतीश की राजनीति को नंगा किया जाएगा।
12 तारीख को क्या होगा इसको लेकर बिहार उबल रहा है। दोनो गठबंधन के भीतर तो गर्माहट हैं की जनता के भीतर भी खूब दुश्मनी चल रही है। बीजेपी के समर्थकों का कहना है कि अब बिहार आगे बढ़ेगा। लेकिन वह नहीं कहता कि ऐसा क्या हो गया जो पहले नहीं था। क्या नीतीश के साथ बीजेपी के आ जाने से बिहार आगे बढ़ेगा ? पहले भी तो यही गठबंधन था तो बिहार आगे क्यों नहीं बढ़ा ? लेकिन भक्ति में जुटी जनता को इन सवालों से क्या लेना देना !
बिहार के लोग कहते हैं कि इस बार नीतीश कुमार और बीजेपी नंगे हो गए हैं। इस बार उनक खेल जनता समझ गई है। बीजेपी को अब डर सताने लगा है कि उनके विधायक भी टूट सकते हैं। दूसरे के खिलाफ वे ऑपरेशन चलाते हैं और अब उनके खिलाफ भी ऑपरेशन चल सकता है। डरी हुई बीजेपी ने बापने विधायकों को बोध गया में शिफ्ट कर दिया है। वहां सुरक्षा के घेरे में उन्हें रखा गया है। लेकिन राजद वाले यह कहने को तैयार हैं कि चाहे जो भी वो करें खेल तो होगा ही। उधर जदयू के विधायक भी लापता बताये जा रहे हैं। कांग्रेस के विधायकों पर बीजेपी की नजर टिकी हुई थी इसलिए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है। वे कल लौटेंगे। गजब की कहानी है।
बिहार में सत्ताधारी गठबंधन की साँसे फूली हुई है। अगर सरकार बहुमत पास करती है तो सब ठीक है और ऐसा नहीं हुआ तो नीतीश की कहानी बदरंग होगी और बिहार की राजनीति से वे ख़त्म भी हो जायेंगे।