Murshidabad violence : भाजपा सांसद ने की अफस्पा की मांग, टीएमसी ने बताया असंवैधानिक
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा पर भाजपा ने AFSPA लगाने की मांग की है। टीएमसी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए भाजपा पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताया है।
Murshidabad violence : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा अब राजनीतिक रंग ले चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है। भाजपा सांसद ज्योतिरमय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मांग की है कि मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया और दक्षिण 24 परगना जिलों को “अशांत क्षेत्र” घोषित कर वहां सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू किया जाए। इस मांग को टीएमसी ने न सिर्फ खारिज किया, बल्कि इसे असंवैधानिक करार दिया है।
भाजपा की मांग और आरोप
महतो ने अपने पत्र में दावा किया कि इन जिलों में हिंदू समुदाय पर बार-बार हमले हो रहे हैं और राज्य सरकार, टीएमसी की “तुष्टिकरण की राजनीति” के चलते, इन घटनाओं पर आंख मूंदे हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन जानबूझकर इन मामलों को नजरअंदाज कर रहा है, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।
एक अन्य भाजपा सांसद, जगन्नाथ सरकार ने भी अमित शाह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर मुर्शिदाबाद में उपजे तनाव के समय चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
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टीएमसी का पलटवार: ‘यह गहरी साजिश’
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने अफस्पा की मांग को “असंवैधानिक” बताते हुए कहा कि हिंसा के पीछे “एक विपक्षी दल और बीएसएफ के कुछ तत्वों” की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने कहा, “हमें गंभीर शिकायतें मिल रही हैं कि इस हिंसा के मास्टरमाइंड्स के सीमा पार से संबंध हो सकते हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि हिंसा में शामिल कई चेहरों को पहले कभी नहीं देखा गया, वे स्थानीय नहीं लगते थे।”
घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल को जानबूझकर “अशांत राज्य” के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही है ताकि संविधान के अनुच्छेद 355, 356 या अफस्पा लागू करने का बहाना मिल सके। उन्होंने कहा, “वक्फ विधेयक को लोगों को उकसाने के उद्देश्य से लाया गया था। हम जनता से अपील करते हैं कि वे अपने विरोध को लोकतांत्रिक और कानूनी दायरे में रखें और भाजपा की साजिश में न आएं।”
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कोर्ट की भी टिप्पणी
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ ने भी शनिवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से हिंसा को रोकने के प्रयासों को “अपर्याप्त” करार दिया। अदालत ने कहा कि राज्य प्रशासन को स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए था।
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भाजपा का विरोध प्रदर्शन
हिंसा के विरोध में भाजपा ने कोलकाता में कॉलेज स्ट्रीट से एस्प्लेनेड तक विरोध मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में न केवल मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की गई, बल्कि हाल ही में एसएससी भर्ती घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा और अन्य सरकारी नौकरियों के नुकसान पर भी विरोध जताया गया।
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