Bulldozer could not be used on illegal construction in Saharanpur, family blames administration
UP Saharanpur News: अवैध निर्माण पर प्रशासन की कार्रवाई की खबरें हम लगातार पढ़ते या सुनते रहते हैं। कानून व्यवस्था को सख्ती से लेते हुए प्रशासन अपना काम करती है और शहर भर में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाती रहती है। अवैध निर्माण की कार्रवाई किसी भी मकान,घर ,ऑफिस ,दुकान पर हो सकती है जो गलत तरीके से बनाए गए हों या जिन्होंने सरकारी नियमों का पालन नहीं किया है। कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि अवैध निर्माण की कार्रवाई के वक्त लोग सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करते हैं और सरकार और प्रशासन को अपना काम नहीं करने देते।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सहरानपुर जिले से आया है जहां अवैध तरीके से बनाए गए मकान पर कार्रवाई करने जब प्रशासन पहुंची तो परिवार ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर ऊंगली उठाई और विरोध प्रदर्शन किया। परिवार का विरोध इतना उग्र था कि विकास प्राधिकरण की टीम को अपना बुलडोजर रोकना पड़ा। पूरा मामला क्या है आइये एक नज़र डालते हैं।
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला जो अपनी लकड़ी की नक्कासी के लिए प्रसिद्ध है। कानून व्यवस्था के मद्देनज़र प्रशासन यहां अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाती रहती है। आपको बता दें कि प्रशासन की अवैध निर्माणों पर बुल्डोजर की कार्रवाई शहरभर में होती रहती है। ऐसा ही एक मामला सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थिती पैरामाउंट कालोनी का है जहां अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाने पहुंची विकास प्राधिकरण की टीम को एक परिवार के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक चार मंजिला इमारत बनकर तैयार हुई थी और उसे फरवरी में कुछ हिस्सा विकास प्राधिकरण करने की ओर से तोड़ा गया था जिसमें वहां पर सील लगा दी गई थी जिसमें आज प्राधिकरण की टीम दलबल के साथ बुलडोजर लेकर पहुंची .
वहीं मकान मालिक उमा अरोड़ा का कहना है कि ‘’कल उन्हें शाम को नोटिस दिया गया और सुबह प्रशासन मकान तोड़ने पहुंच गए, हम लोगों को दो दिनों का भी टाइम नही दिया गया’’
महिला आगे कहती हैं कि उसने और उसके पति ने बहुत बड़ा लोन लिया है, दुख होता है की उनके सपनों का घर तोड़ा जा रहा है,महिला ने बताया की हमारे पड़ोसी ने कहा ‘’तुम बना लो कोई कुछ नही कहेगा और आज हमारे पड़ोसी का हमारे साथ मकान बनाया हुआ है उसका नही तोड़ा गया और शहर में और अवैध निर्माण बनकर तैयार हैं और चल रहे हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती’’
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अवैध निर्माण की कार्रवाई पर विरोध प्रदर्शन हों। वहां के नागरिक विकास प्राधिकरण पर ये आरोप लगाते आये हैं कि प्राधिकरण के अधिकारी पहले तो अवैध निर्माणों को अपने संरक्षण में करवाते हैं और जब निर्माण बनकर तैयार हो जाता है तो उस पर नोटिस का खेल खेलते हैं। और उसके बाद भी अवैध निर्माण का काम लगातार चलता है’’
परिवार आगे अपनी पीड़ा बताते हुए कहता है कि वो लगातार फोन भी करते रहे प्राधिकरण के अधिकारी ने फोन तक उठाने की जहमत नहीं की। आखिरकार दोनों में समझौता हुआ कि कुछ मजदूर ही ऊपर की मंजिल को तोड़ेंगे. इसी के साथ प्राधिकरण पर एक बार फिर तमाम तरह के आरोप लगे हैं।