UP Kushinagar News: कुशीनगर बुद्धा पी.जी कॉलेज में फर्जी प्रोफेसर का मामला आया सामने
Case of fake professor came to light in Kushinagar Buddha PG College
UP Kushinagar News: कुशीनगर के बुद्धा पी जी कालेज में एक फर्जी प्रोफेसर के मामलें ने हड़कंप मचा दिया। अनुसूचित जाति के फर्जी प्रमाण के आधार पर एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी हथियाने वाले एक प्रोफेसर का मामला इतना तूल पकड़ चुका हैं कि इस मामलें में कुशीनगर के डीएम और एसपी को तलब किया गया हैं।
कुशीनगर के बुद्धा पीजी कालेज के वाणिज्य विभाग में कार्यरत इंद्रासन प्रसाद पर आरोप लगा हैं कि वह खरवार जाति के हैं, जो तहसीलकर्मियों की मदत से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर कमकर जाति का प्रमाण पत्र हासिल कर बुद्धा पीजी कालेज में बतौर प्रोफेसर के पद पर कई सालों से नौकरी कर रहे है। जाति प्रमाण पत्र को लेकर हुई शिकायत के बाद जिला जाति सत्यापन समिति ने भी अपनी जांच में इन आरोपों को सही पाया है। जिसके बाद समिति ने प्रोफेसर को जारी अनुसूचित प्रमाण को निरस्त करते हुए इस मामले में शामिल तहसीलदार और लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया है। जाति प्रमाण पत्र के निरस्त होने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार एवम राज्यपाल /कुलाधिपति ने एसोसिएट प्रोफेसर इंद्रासन प्रसाद को बर्खास्त करते हुए उनके वेतन आहरण पर रोक लगाने की सिफारिश कुलपति एवम कालेज प्रबंधन से किया है। लेकिन इसका कोई असर नही हुआ। मामला अदालत तक गया वहां से भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी हथियाने वाले प्रोफेसर इंद्रासन प्रसाद के खिलाफ नोटिस जारी हुआ..और कोर्ट के आदेश के बाद फर्जी प्रोफेसर पर 419, 420, 467, 468, 471, 120 अनुसूचित जाति एवम जनजाति (नृशंसता 3(2)(V) गंभीर धाराओं के तहत पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। जिन धाराओं में फर्जी प्रोफेसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए वह अब भी आजाद घूम रहा हैं। हालांकि कालेज प्रबंधन आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उसको बचाने में जुटा हुआ है। उच्च अधिकारियों और कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रोफेसर को अब कालेज में रखा गया है और सभी सुविधाए मुहैया करा रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और कुशीनगर के एसपी और डीएम को तलब किया है कि आखिर आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्यवाही क्यों नही हो रही हैं।
दीन दयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में संचालित कुशीनगर स्थित बुद्धा पी जी कालेज का स्वर्णिम इतिहास रहा है। वर्तमान समय में कालेज के अंदर कई तरह की अनियमितताएं देखने को मिल रही है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हथियाने वाले प्रोफेसर इंद्रासन प्रसाद का मामला अभी चल ही रहा है कि कालेज प्रबंधन समिति का भी एक गंभीर मामला सामने आ गया। बता दे कि, बिना आयोग द्वारा चयनित एक कनिष्ठ लिपिक को कालेज सांख्यता के पद पर प्रोन्नत कर दिया है। जबकि इस पद पर नियुक्ति आयोग द्वारा निर्धारित अभ्यर्थी का होना चाहिए था। आर टी आई के जरिए हुए इस खुलासे के बाद कालेज प्रबंधन द्वारा कालेज में किए जा रहे मनमर्जी को दर्शा रहा है। हालाकि कालेज प्रबंधन इन सभी आरोपों का जबाब देने की बात कह रहा है लेकिन मीडिया के कैमरे पर वह समयाभाव का बहना बना कर बचता नजर आ रहा है।