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Andhra Pradesh Assembly Elections: हार और गिरफ्तारी से टीडीपी की बड़ी जीत तक चंद्रबाबू नायडू की वापसी का सफर

Chandrababu Naidu's journey of comeback from defeat and arrest to TDP's big victory

Andhra Pradesh Assembly Elections: अपने से बहुत कम उम्र के जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) से अपमानजनक हार (Humiliating Defeat) के पांच साल बाद, टीडीपी नेता (TDP Leader) एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों (andhra pradesh assembly elections) में बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सहयोगी भाजपा और जनसेना पार्टी (जेएनपी) के समर्थन से नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (Telugu Desam Party – TDP) 175 में से 130 सीटों पर आगे चल रही है। यह जीत नायडू के भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार होने के कुछ ही महीनों बाद मिली है। पिछली विधानसभा में टीडीपी के केवल 23 सदस्य थे।

लोकसभा चुनाव में भी टीडीपी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और 25 में से 16 सीटों पर आगे चल रही है। सहयोगी दलों के रूप में भाजपा और जेएनपी क्रमश: तीन और दो सीटों पर आगे चल रही हैं।

एन चंद्रबाबू नायडू का जन्म 20 अप्रैल, 1950 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले (Chittoor district) के नरवरिपल्ली (Naravaripalli) में हुआ था। उनका राजनीतिक जीवन (political life) चार दशक पहले तिरुपति (Tirupati) के श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय (Sri Venkateswara University) में छात्र राजनीति (Student politics) से शुरू हुआ था। अब 74 वर्षीय नायडू पहले कांग्रेस पार्टी (congress party) में शामिल हुए और कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) बने। बाद में वे टीडीपी में शामिल हो गए, जिसकी स्थापना उनके दिवंगत ससुर और मशहूर अभिनेता (Late father-in-law and famous actor) एन टी रामा राव (N T Rama Rao) ने की थी।

नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और तीन बार इस पद पर रहे। सीएम के तौर पर उनके पहले दो कार्यकाल 1995 से 2004 तक एकीकृत आंध्र प्रदेश (Unified Andhra Pradesh) के दौर में थे। उनका तीसरा कार्यकाल 10 साल पहले राज्य के विभाजन के बाद आया, जब आंध्र प्रदेश से तेलंगाना (Telangana) अलग हुआ था।

अविभाजित राज्य (Undivided states) के सीएम के रूप में नायडू आधुनिक हैदराबाद (Hyderabad) के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिसने इसे एक प्रमुख तकनीकी केंद्र (Major technical centers) में बदल दिया। 90 के दशक के उत्तरार्ध में, उन्होंने केंद्र सरकार (Central government) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की पहली एनडीए सरकार को बाहर से समर्थन दिया।

2014 में नायडू नए राज्य आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने और 2019 तक इस पद पर रहे। इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमरावती (Amravati) को राजधानी शहर (Capital city) के रूप में बढ़ावा दिया, लेकिन उनकी हार के बाद यह परियोजना अधूरी रह गई। उनके उत्तराधिकारी वाईएसआरसीपी नेता (Successor YSRCP leaders) जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) ने अमरावती के विकास में काफी बाधा डाली।

नायडू का करियर तब सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया जब 2023 में वाईएसआरसीपी सरकार ने कौशल विकास निगम घोटाले मामले (Kaushal Vikas Nigam scam case) में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 9 सितंबर को तड़के छापेमारी में गिरफ्तार किया गया और करीब दो महीने राजमहेंद्रवरम सेंट्रल जेल (Rajamahendravaram Central Jail) में बिताने पड़े। हालांकि, नायडू को 31 अक्टूबर को अंतरिम जमानत (Interim bail) मिल गई, जो 20 नवंबर को स्थायी हो गई। इससे उन्हें 2024 के चुनावों की तैयारी करने और टीडीपी, बीजेपी और जनसेना के साथ एनडीए गठबंधन में फिर से शामिल होने का मौका मिला।

Chanchal Gole

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