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India-US Trade Tensions: भारत-अमेरिका व्यापार में बदलाव, टैरिफ कटौती पर ट्रंप का दावा, भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

India-US Trade Tensions: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत ने अपने टैरिफ (आयात शुल्क) में कटौती करने पर सहमति जता दी है। ट्रंप ने कहा, "आखिरकार, कोई तो उन्हें बेनकाब कर रहा है कि उन्होंने अब तक क्या किया है।" हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी बयान का संज्ञान लिया, लेकिन टैरिफ में कटौती के फैसले पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की।

India-US Trade Tensions : अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंधों में एक नया मोड़ सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) घटाने पर सहमति जताई है। ट्रंप ने इसे अपनी प्रशासनिक नीतियों की सफलता बताया, जिन्होंने अमेरिका के खिलाफ “अनुचित व्यापार प्रथाओं” को उजागर किया है। हालांकि, भारत सरकार ने इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है, जिससे इस मुद्दे को लेकर स्थिति अभी भी असमंजस भरी बनी हुई है।

ट्रंप का बड़ा बयान: “अब उनकी असलियत सामने आ रही है”

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “भारत ने अब तक हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूला है। लेकिन अब वे अपने शुल्क में कटौती करने को तैयार हो गए हैं, क्योंकि कोई उनकी असलियत को बेनकाब कर रहा है।” उन्होंने इस फैसले को अपनी प्रशासनिक नीतियों का परिणाम बताया और कहा कि भारत ने यह कदम अमेरिका की नई व्यापार नीति के दबाव में उठाया है, जिसमें पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) का नियम शामिल है।

कुछ दिनों पहले ही ट्रंप ने 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा की थी। इस नीति के तहत अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।

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भारत पर ट्रंप के आरोप: “हमारे उत्पादों पर 100% से ज्यादा टैक्स”

अमेरिकी कांग्रेस में दिए अपने भाषण में ट्रंप ने भारत, चीन और दक्षिण कोरिया पर अत्यधिक आयात शुल्क लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:

“भारत हमारे उत्पादों पर 100% से अधिक टैरिफ लगाता है, चीन हमसे दोगुना और दक्षिण कोरिया चार गुना ज्यादा टैक्स वसूलता है।”

“हम दशकों से व्यापार में नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन अब हम इसे और नहीं सहेंगे।”

“हम अरबों-खरबों डॉलर लेंगे और लाखों नौकरियां पैदा करेंगे, जो पहले कभी नहीं हुईं।”

ट्रंप ने आगे कहा कि अब अमेरिका अपने व्यापारिक साझेदारों को अपने नियमों पर चलाने के लिए मजबूर करेगा और जो देश अमेरिका के खिलाफ गैर-आर्थिक प्रतिबंध (नॉन-मोनेटरी टैरिफ) लगाएंगे, उनके खिलाफ भी कड़ा कदम उठाया जाएगा।

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भारत सरकार का रुख: अभी तक कोई ठोस बयान नहीं

भारत सरकार ने राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मामलों पर बातचीत जारी है, लेकिन शुल्क कटौती के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार इस मुद्दे पर कोई भी बड़ा कदम उठाने से पहले घरेलू उद्योगों के हितों और आर्थिक प्रभावों का मूल्यांकन कर रही है।

India-US Trade Tensions: Change in India-US trade, Trump claims tariff cut, awaiting India’s response

भारतीय कंपनियां सतर्क, व्यापार रणनीति पर काम शुरू

ट्रंप की नई पारस्परिक टैरिफ नीति की घोषणा के बाद भारतीय कंपनियों ने संभावित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, गहनों और वस्त्र उद्योग से जुड़ी कंपनियां अमेरिका में अपने व्यापार को बनाए रखने के लिए नए विकल्प तलाश रही हैं और अमेरिकी भागीदारों के साथ चर्चा कर रही हैं।

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एक प्रमुख व्यापार विशेषज्ञ का कहना है कि, “अगर भारत को अमेरिकी बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखनी है, तो उसे अपनी व्यापारिक नीतियों में बदलाव करना होगा। लेकिन किसी भी टैरिफ कटौती से पहले भारतीय घरेलू उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।”

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक का बयान

इस मुद्दे पर अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि भारत को अमेरिकी उत्पादों के लिए अपने बाजार को अधिक खोलना होगा।

लटनिक ने कहा, “केवल कुछ वस्तुओं, जैसे बर्बन व्हिस्की और हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ घटाने से काम नहीं चलेगा। भारत को टैरिफ में बड़ी कटौती करनी होगी, जिससे अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार में प्रभावी रूप से प्रवेश कर सकें।”

भारतीय कृषि बाजार पर अमेरिका की नजर

लटनिक ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को अपने कृषि बाजार में अमेरिकी कंपनियों के लिए अधिक अवसर देने चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे भारत की मोदी सरकार को राजनीतिक नुकसान हो सकता है, तो उन्होंने कहा:

“भारतीय कृषि बाजार को खोलना होगा। व्यापार को स्मार्ट तरीके से चलाना होगा।”

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“अब अमेरिका की नीति बदल चुकी है। पारस्परिक टैरिफ लागू किए जा रहे हैं—जो देश हमारे साथ जैसा व्यवहार करेगा, हम भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे।”

भारत के सामने संभावित विकल्प

  1. टैरिफ में कटौती: अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करता है, तो इससे अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा, लेकिन इससे भारतीय घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
  2. पारस्परिक टैरिफ का जवाब: भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर समान टैरिफ लगा सकता है, लेकिन इससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ सकता है, जिससे भारत और अमेरिका दोनों को नुकसान होगा।
  3. संतुलित व्यापार नीति: भारत कुछ उत्पादों पर टैरिफ में मामूली कमी कर सकता है, लेकिन अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अमेरिकी दबाव को नजरअंदाज कर सकता है। यह नीति भारत को घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती है।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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