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Chenab Rail Bridge: इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना और प्रो. माधवी लता की अहम

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब नदी पर बना रेल पुल विश्व का सबसे ऊंचा आर्क रेल पुल है। यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की निर्माण क्षमता, आत्मनिर्भरता और वैज्ञानिक कौशल का प्रतीक है। यह पुल एफिल टॉवर और कुतुब मीनार से भी ऊंचा है और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में बनाया गया है।

Chenab Rail Bridge: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब नदी पर बना रेल पुल विश्व का सबसे ऊंचा आर्क रेल पुल है। यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की निर्माण क्षमता, आत्मनिर्भरता और वैज्ञानिक कौशल का प्रतीक है। यह पुल एफिल टॉवर और कुतुब मीनार से भी ऊंचा है और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में बनाया गया है।

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तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक

चिनाब पुल को बनाने में विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग तकनीकों, अत्याधुनिक यंत्रों और नवाचारों का उपयोग हुआ है। इसका निर्माण दुर्गम पहाड़ी इलाकों में किया गया, जहां ज़मीन टूटी-फूटी चट्टानों और छिपे हुए गड्ढों से भरी थी। इससे न केवल यातायात और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सेना की सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंच भी तेज़ और सरल हो जाएगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

प्रोफेसर माधवी लता की भूमिका

इस परियोजना की सफलता में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु की प्रोफेसर माधवी लता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। वे चिनाब पुल की भू-तकनीकी सलाहकार रही हैं और इस प्रोजेक्ट पर 17 वर्षों तक कार्य किया। उन्होंने निर्माण कंपनी अफकॉन्स (Afcons) के साथ मिलकर पुल की योजना, डिजाइन और निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

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“Design-As-You-Go” तकनीक

चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए प्रो. माधवी लता और उनकी टीम ने “Design-As-You-Go” पद्धति अपनाई। इसका मतलब है कि निर्माण के दौरान ज़मीन की वास्तविक स्थिति के अनुसार डिजाइन में आवश्यक बदलाव किए गए। यह तरीका खासतौर पर तब उपयोगी होता है जब प्रारंभिक सर्वेक्षण भूमि की वास्तविक स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पाते।

अन्य तकनीकी उपाय

पुल की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए प्रो. माधवी लता ने रॉक एंकरिंग जैसी तकनीकों का प्रयोग किया। उन्होंने कई डिज़ाइन संशोधनों के ज़रिए यह सुनिश्चित किया कि पुल संरचनात्मक रूप से मजबूत और सुरक्षित रहे।

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शिक्षा और पुरस्कार

B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) – JNTU, 1992 – फर्स्ट क्लास
M.Tech – NIT वारंगल – गोल्ड मेडल
PhD – IIT मद्रास, 2000 – जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में
2021: भारतीय जियोटेक्निकल सोसाइटी का “सर्वश्रेष्ठ महिला शोधकर्ता” पुरस्कार
2022: भारत की टॉप 75 महिला STEAM नेताओं में चयन

उन्होंने “Design as You Go: The Case Study of Chenab Railway Bridge” शीर्षक से एक महत्वपूर्ण शोधपत्र भी प्रकाशित किया है।

चिनाब रेल पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का जीवंत उदाहरण है और प्रो. माधवी लता जैसी वैज्ञानिकों की भूमिका इसे साकार करने में अत्यंत सराहनीय रही है।

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Sarita Maurya

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