Chief Secretary Video Conferencing: मुख्य सचिव ने Video Conferencing के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि, पशुधन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नियोजन, माध्यमिक शिक्षा, परिवहन विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई.
लखनऊ न्यूज़। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि, पशुधन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नियोजन, माध्यमिक शिक्षा, परिवहन विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई.
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि दिनांक 10 से 12 फरवरी, 2023 तक यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन से पूर्व शासन ने एक अभिनव पहल की है। सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं तथा नीतियों से युवाओं को परिचित कराने के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों एवं शिक्षाविदों की टीम आगामी 03 से 05 फरवरी तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में युवाओं से संवाद कर रोजगार से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी। साथ ही, युवाओं के लिए यू0पी0 ग्लोबल समिट की उपयोगिता के सम्बन्ध में उन्हें जागरूक करेगी.
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यह टीम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनायी गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं से उनका परिचय करायेगी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी करेगी, ताकि अधिकाधिक युवा इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह समिट किस प्रकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य लिये उपयोगी होगी, इस सम्बन्ध में उनका मार्गदर्शन भी करेगी। जिन जनपदों में कोई विश्वविद्यालय अवस्थित नहीं है, वहां महाविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
यह समय किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। छुट्टा जानवरों से प्रदेश में किसानों की रबी फसल बर्बाद न हो, इसलिए यदि किसी भी जनपद में छुट्टा जानवर हों, तो उन्हें गो आश्रय स्थल में संरक्षित किया जाए। शहर की सड़कों पर भी छुट्टा जानवर न दिखें। गोआश्रय स्थलों में गोवंश को समयानुसार पशु आहार उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश के जिन जनपदों में गो सरंक्षण केंद्रों की जिम्मेदारी अधिकारी सही से नहीं संभाल रहे तो उनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर सख्त कार्यवाही की जाए। आगामी 31 मार्च तक सभी जिलाधिकारियों को सर्टिफिकेट शासन को भेजना है, कि सभी जनपदों में 100 प्रतिशत छुट्टा पशुओं को संरक्षित कर लिया गया है.
मिलेट्स को मोटा अनाज कहकर संबोधित न किया जाए। प्रदेश में ज्वार, बाजरा, सावां, कोदो, काकुन, रागी, कुटकी, चेना, कुट्टू, चैलाई की फसलें की जाती है, इनमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम तथा आयरन आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं। आज के दौर में लोग मिलेट्स के महत्व को भूलते जा रहे हैं, लोगों को जागरूक करने के लिये वृहद स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाया जाये। मिलेट्स की पैदावार बढ़ाने के लिये जनपदवार कार्ययोजना तैयार करें और मिलेट्स से सम्बन्धित स्टार्टअप व एफपीओ को प्रोत्साहित करें.