ट्रेंडिंगन्यूज़पढ़ाई-लिखाई

Children’s Day 2024: 14 नवंबर को क्यों मनाया जाता हैं बाल दिवस, जानें इस दिन से जुड़ी कुछ अहम बातें

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

Children’s Day 2024: हर साल 20 नवंबर को दुनिया भर में लोग अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस (international children’s day) मनाते हैं। लेकिन भारत में इसे पंडित नेहरू (pandit Jawaharlal Nehru) की जयंती पर मनाने का फैसला किया गया।

बाल दिवस हर साल 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है । आपको बता दे बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना और उन्हें एक सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में कार्य करना है। आइए बाल दिवस के पाँच महत्वपूर्ण बातो पर चर्चा करें जिनके बारे में बच्चों और बड़ो दोनों को पता होना चाहिए।

बाल दिवस का इतिहास और महत्व

भारत में बाल दिवस की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हुई, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते थे। पंडित नेहरू को बच्चों से गहरा लगाव था और वे मानते थे कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके विचार में बच्चों को एक अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन देने की आवश्यकता है, ताकि वे आगे चलकर समाज और देश की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें।

साल में 2 बार क्यों मनाया जाता है बाल दिवस?

1954 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में घोषित किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस हर साल 20 नवंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। हालाँकि, भारत में इसे पंडित नेहरू (pandit Jawaharlal Nehru) की जयंती पर मनाने पर सहमति बनी।

बाल दिवस का उद्देश्य

बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना तथा उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बाल दिवस के मुख्य लक्ष्य हैं। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार, बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन बच्चों की खुशियों के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति समाज में जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देने का प्रतीक है।

पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति दृष्टिकोण

पंडित नेहरू के अनुसार, बच्चों को उनके प्रारंभिक वर्षों के दौरान उचित दिशा और स्नेह मिलना चाहिए। उनका मानना ​​है कि बच्चों को बिना किसी बाधा के विकसित होने और सीखने की अनुमति दी जानी चाहिए। पंडित नेहरू हमेशा बच्चों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना पसंद करते थे, और उनका मानना था कि बच्चों में मासूमियत, सच्चाई, और निष्ठा होती है, जो बड़े लोगों को भी प्रेरणा देती है।

बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी

बाल दिवस के माध्यम से बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम से सुरक्षा, और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाना है।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button