Foreign guests chirped in the reservoirs of Ramnagar: सर्दियों में रामनगर के जलाशयों में विदेशी मेहमानों की चहचहाहट, वन विभाग ने सुरक्षा पर दिया विशेष ध्यान
Foreign guests chirped in the reservoirs of Ramnagar: सर्दियों में रामनगर के जलाशयों में विदेशी मेहमानों की चहचहाहट, वन विभाग ने सुरक्षा पर दिया विशेष ध्यान
Foreign guests chirped in the reservoirs of Ramnagar: सर्दियों के आगमन के साथ ही रामनगर के जलाशयों में हर साल की तरह इस बार भी प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। साइबेरिया, तिब्बत और अन्य ठंडे क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर ये पक्षी कोसी बैराज, तुमड़िया डैम और अन्य जलाशयों में शरण लेने आ रहे हैं। इन खूबसूरत मेहमानों के आगमन से न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलानी भी उत्साहित हैं। इन पक्षियों की चहचहाहट और मनमोहक अठखेलियां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रामनगर वन विभाग ने भी विशेष प्रबंध किए हैं।
देर से पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी, बढ़ा उत्साह
हर साल अक्टूबर के महीने में यहां पहुंचने वाले ये प्रवासी पक्षी इस बार सर्दियों की देर से शुरुआत के चलते नवंबर में पहुंचे हैं। पक्षी विशेषज्ञ संजय छिम्वाल का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत में ही ये विदेशी मेहमान रामनगर के जलाशयों में पहुंचना शुरू कर देते हैं। इनमें प्रमुख रूप से सुर्खाब या गोल्डन डक, वॉल कीपर, ब्लैक स्टार्ट, पिनटेल और करबोरेंच जैसी प्रजातियां शामिल हैं। ये पक्षी अपने प्राकृतिक वास से हजारों मील की यात्रा कर यहां पहुंचते हैं और जलाशयों में प्रजनन करते हैं। वे यहां मार्च तक ठहरते हैं और इसके बाद अपने मूल स्थानों की ओर लौट जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये पक्षी हर साल अपने जीवनसाथी के साथ ही यहां आते हैं और एक बार जोड़ा बनने के बाद किसी नए साथी की तलाश नहीं करते। ये पक्षी 200 से 300 जोड़ों में कोसी नदी और अन्य जलाशयों में अठखेलियां करते देखे जा सकते हैं, जो पर्यटकों के लिए एक अनोखा दृश्य होता है।
कोसी बैराज और कॉर्बेट लैंडस्केप का अद्वितीय सौंदर्य
रामनगर का कोसी बैराज और कॉर्बेट लैंडस्केप इन प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद बन चुका है। कोसी बैराज के जलाशयों में सैकड़ों की संख्या में पहुंचने वाले ये विदेशी मेहमान इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते हैं। कॉर्बेट लैंडस्केप में कुल मिलाकर 600 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। इन प्रवासी पक्षियों के पहुंचने से जलाशयों का सौंदर्य और भी अद्वितीय हो जाता है, जिससे बर्ड वॉचर्स और प्रकृति प्रेमियों का ध्यान यहां की ओर खींचा चला आता है। बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए सुखार्ब पक्षी विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
छिम्वाल का कहना है कि सर्दियों के दौरान, प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां यहां बड़ी संख्या में आती हैं, जिससे यह क्षेत्र पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान हो जाता है। पक्षियों का कलरव जलाशयों को जीवंत बना देता है, और बोटिंग करते समय इन्हें करीब से देखना एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है।
पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण, बढ़ा पर्यटन
प्रवासी पक्षियों के आने से पर्यटन में भी वृद्धि हो रही है। दूर-दूर से पर्यटक इन दुर्लभ पक्षियों को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। इन पक्षियों को पानी में अठखेलियां करते हुए देखने का अनुभव पर्यटकों के लिए यादगार बनता है। सुर्खाब या गोल्डन डक जैसी प्रजातियां, जिनका जोड़ा बनने के बाद अलग नहीं होता, को देखने का मौका पर्यटकों के लिए खास बन जाता है।
पर्यटकों का कहना है कि इन पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना एक खास अनुभव है। बच्चे, परिवार और बर्ड वॉचर्स इन पक्षियों के साथ बिताए गए समय को बहुत खास मानते हैं। ये पक्षी न केवल खूबसूरती से भरे हुए होते हैं, बल्कि इनके साथ एक शांति और सुकून का अनुभव भी होता है, जो सैलानियों को प्रकृति से जोड़ता है।
वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था, विशेष निगरानी का प्रबंध
इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि विभाग ने इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी कर ली है। कोसी नदी और आसपास के जलाशयों में इन पक्षियों पर वनकर्मियों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है।
डीएफओ नायक ने कहा कि इस बार सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग ने बोटिंग के माध्यम से भी पक्षियों की निगरानी का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद वन विभाग बोटिंग के माध्यम से इन पक्षियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, जिससे पर्यटकों और पक्षियों दोनों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनेगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वन विभाग की पहल
सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों का आना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। वन विभाग इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के साथ-साथ जलाशयों के आसपास का वातावरण भी संरक्षित कर रहा है। इन पक्षियों की सुरक्षा से यह सुनिश्चित होता है कि इनके लिए सुरक्षित वास उपलब्ध हो, जिससे वे हर साल यहां आते रहें।
इन विदेशी पक्षियों का रामनगर की जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान है। पक्षियों के आगमन से पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है, जो आम जनता को भी जागरूक करता है। इस प्रकार, वन विभाग का प्रयास न केवल इन पक्षियों की सुरक्षा में सहायक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।