Rajasthan News: राजस्थान की सरज़मी पर सियासी सरगर्मी उफान पर है जैसा कि सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। पायलट ने मंगलवार यानी आज जयपुर के शहीद स्मारक (Memorial) में अनशन किया। लेकिन अब उनके अनशन (hunger strike) पर कुछ इस तरह से मंथन किया गया है ।
पायलट का एक तीर से दो निशाना
सवाल है कि पायलट के इस अनशन के पीछे क्या कोई सियासी स्वार्थ छिपा है । सचिन पायलट एक तीर से दो निशानें साध रहे हैं। एक तरफ जहां पयालट ने अपने अनशन को वसुंधरा राज में हुए घोटालें को उजागर कर उनकी जांच की मांग के लिए कर रहें है वो कह रहे की हम सच लाकर रहेंगे। भ्रष्टाचार मिटा कर मानेंगे। ये लड़ाई कैसे भी मुझे लड़नी पड़े। लेकिन दूसरी तरफ सियासी मायने ये भी कह रहे है की पायलट अपनी राजनिति चमकाने के लिए सीएम गहलोत को गर्त में ले जाना चाहते हैं ।
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माना जा रहा है कि एक पायलट एक बार फिर सियासी उड़ान भरना चाह रहे हैं । ये मायने कुछ भी कहे लेकिन ये गहमागहमी चुनाव होने तक जारी रहने वाली है । हालांकि बता दें कि गहलोत और पायलट के बीच की ये मतभेद और जो ये तकरार देखने को मिल रही कोई नया नहीं है। इससे पहले भी इनके रिश्तों में उतार चढ़ाव देखने को मिला है ।आपको बता दें कि ये मामला वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 45 हजार करोड़ के घोटाले से जुड़ा हुआ है। पायलट ने 45 हजार करोड़ के घोटालें को लेकर आवाज उठाने का वादा किया था कि सरकार आएगी तो इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करवाएंगे और दोषियों को सजा देंगे। इसी के तहत पायलट ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बता दें कि राजस्थान में चुनाव होने में बस 6- 7 महीने ही बचे हुए हैं।