Congress’s allegations on EVM:ईवीएम पर कांग्रेस के आरोप: उमर अब्दुल्ला ने दी प्रतिक्रियाकांग्रेस ने उठाए ईवीएम पर सवाल
Congress's allegations on EVM: 2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने ईवीएम की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए बैलट पेपर प्रणाली की मांग की। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बिना सबूत ईवीएम पर आरोप लगाना जनता में भ्रम पैदा करता है और विपक्ष को जिम्मेदारी से सवाल उठाने चाहिए।
Congress’s allegations on EVM: नई दिल्ली: 2024 के आम चुनावों को लेकर देश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ के जरिए चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा सकता है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस मामले में जवाबदेही सुनिश्चित करने और वैकल्पिक मतदान प्रणाली पर विचार करने की मांग की है।
उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के आरोपों पर दिया बयान
कांग्रेस के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ईवीएम को लेकर बार-बार सवाल उठाने से जनता में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि अगर किसी पार्टी के पास ईवीएम के दुरुपयोग के ठोस सबूत हैं, तो उन्हें सामने लाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, “चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन इसे जिम्मेदारी और सबूतों के आधार पर किया जाना चाहिए। हर बार चुनाव हारने पर ईवीएम को दोष देना सही नहीं है। इससे चुनाव प्रक्रिया पर जनता का भरोसा कमजोर होता है।”
चुनाव आयोग ने दी सफाई
कांग्रेस के आरोपों के बाद, चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर अपना पक्ष रखा। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें छेड़छाड़-प्रूफ बनाया गया है। साथ ही, चुनाव आयोग ने जोर देकर कहा कि हर चुनाव के दौरान ईवीएम की तकनीकी जांच की जाती है और इसे कई स्तरों पर परीक्षण से गुजरना पड़ता है।
विपक्ष ने किया कांग्रेस का समर्थन
हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का प्रत्यक्ष समर्थन नहीं किया, लेकिन विपक्षी दलों में से कुछ ने कांग्रेस की मांग का समर्थन किया है। आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी (SP), और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने ईवीएम की जांच और निष्पक्षता पर चर्चा की मांग की है।
कांग्रेस की मांग: बैलट पेपर प्रणाली पर लौटे देश
कांग्रेस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैलट पेपर प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग उठाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “ईवीएम पर बार-बार सवाल उठे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष दिखाई दें। बैलट पेपर पर लौटने से जनता का भरोसा फिर से स्थापित होगा।”
बीजेपी का पलटवार
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे हार का डर बताया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “हर बार जब कांग्रेस को हार की संभावना दिखती है, वे ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। यह उनकी हताशा और जनता के फैसले को नकारने की मानसिकता को दर्शाता है।”
उमर अब्दुल्ला की अपील: मुद्दों पर ध्यान दें
उमर अब्दुल्ला ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे ईवीएम के बजाय जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, “चुनाव जीतने का तरीका यह है कि जनता के मुद्दों को उठाया जाए और उनके लिए काम किया जाए। ईवीएम पर ध्यान केंद्रित करना मुख्य समस्याओं से भटकने जैसा है।”
चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बहस
ईवीएम को लेकर विवाद कोई नया नहीं है। पिछले कई वर्षों में कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। लेकिन चुनाव आयोग और विशेषज्ञों का मानना है कि ईवीएम बैलट पेपर से ज्यादा सुरक्षित और तेज हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
2019 के लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम पर कई विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि सभी मशीनें जांच के बाद ही उपयोग में लाई जाती हैं। इसके अलावा, हर ईवीएम के साथ वीवीपैट (VVPAT) का उपयोग किया जाता है, जो मतदाता को उनके मतदान की पुष्टि देता है।
जनता का भरोसा सबसे बड़ा सवाल
कांग्रेस के आरोपों, उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया, और चुनाव आयोग की सफाई के बावजूद, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या देश की जनता ईवीएम पर भरोसा करती है। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों और संस्थानों को मिलकर काम करना होगा, ताकि लोकतंत्र पर जनता का भरोसा बरकरार रहे।