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Demonstration by Bhakiyu regarding bridge construction: रुड़की में पुल निर्माण को लेकर भाकियू का प्रदर्शन, चेतावनी के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ा

Demonstration by Bhakiyu regarding bridge construction: पिछले दो वर्षों से भारी वाहनों के लिए बंद सोलानी नदी पर बने पुल को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने अपना मोर्चा खोल दिया है। पुल के निर्माण में हो रही देरी से नाराज किसानों ने प्रशासन और सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही नए पुल का निर्माण नहीं किया गया, तो वे ट्रैक्टर-ट्रालियों के जरिए पुल को पूरी तरह से बंद कर देंगे।

किसानों की बढ़ती परेशानी और मांग

सोलानी पुल बंद होने से रुड़की और आसपास के इलाकों के लोगों को रोजमर्रा की आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। खासकर, इस क्षेत्र में स्थित दो दर्जन से अधिक स्कूल और कॉलेजों में आने-जाने वाले बच्चों और अभिभावकों को 20 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।

भाकियू के नेतृत्व में किसानों ने प्रशासनिक भवन में एकत्र होकर इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। किसानों का कहना है कि बच्चों के स्कूल आने-जाने के खर्च में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। स्कूल बसों का किराया 500 से 700 रुपये तक बढ़ चुका है, जो अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रहा है।

इसके अलावा, आम जनता के लिए हरिद्वार से रुड़की आने-जाने का रोडवेज बस का किराया भी 13 से 15 रुपये बढ़ गया है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने इस समस्या की अनदेखी की है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है।

पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप

भाकियू ने पुल की मरम्मत और रपटा बनाने के लिए हुए कार्यों पर भी सवाल उठाए। किसानों का कहना है कि भारी बारिश के दौरान रपटा बह गया था, जिससे लाखों रुपये के सार्वजनिक धन की बर्बादी हुई। उनका आरोप है कि इस निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।

Construction of bridge is not only important for traffic convenience but is also very important for economic and social development.

सरकार और प्रशासन पर निशाना

किसानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दो साल से पुल बंद होने के बावजूद राज्य सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि रपटे की मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई, जबकि स्थायी समाधान के लिए नए पुल का निर्माण आज तक शुरू नहीं हुआ है।

भाकियू नेताओं ने कहा कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही नए पुल के निर्माण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो किसान यूनियन और स्थानीय जनता मिलकर सोलानी पुल को पूरी तरह से बंद कर देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस स्थिति के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी।

स्थानीय जनता की मांग

पुल निर्माण को लेकर स्थानीय जनता भी भाकियू के समर्थन में आ गई है। स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके परिवारों के साथ-साथ व्यापारियों और रोजमर्रा के यात्रियों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि लंबे समय से इस मुद्दे को अनदेखा किया जा रहा है, जिससे अब उनकी सहनशीलता खत्म हो रही है।

प्रदर्शन के बाद बढ़ा दबाव

भाकियू के प्रदर्शन और चेतावनी के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा।

निष्कर्ष

सोलानी पुल के बंद होने की समस्या से न केवल किसानों, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की चेतावनी और स्थानीय जनता के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए यह आवश्यक है कि सरकार जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे। पुल का निर्माण केवल यातायात की सुविधा नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Mansi Negi

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