Name Plate Controversy: एनडीए की आरएलडी ने योगी सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। जयंत चौधरी के मुताबिक सरकार ने सोच-समझकर फैसला नहीं लिया। अब जब फैसला ले लिया है तो उस पर कायम है। यह अभी भी फैसला पलटने का मौका है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सहयोगी दल कांवड़ मार्ग पर दुकानों पर नामपट्टिका लगाने के आदेश की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम का एनडीए के राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने विरोध किया है। जयंत ने रविवार को कहा, “कांवड़ यात्री जाति और धर्म देखकर किसी दुकान से सेवा नहीं लेते।” धर्म और इस मामले को नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सोच समझकर फैसला नहीं लिया। अब फैसला ले लिया तो उसके ऊपर टिकी हुई है सरकार। सरकार में कभी-कभी ऐसा होता है। अभी भी समय है; प्रशासन को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।
जयंत चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह ठीक नहीं है कि सभी प्रतिष्ठान अपना नाम लिखें।” मैकडोनाल्ड अब “क्या” लिखने जा रहा है। खतौली बर्गर किंग के मालिक “क्या” लिखेंगे। या तो प्रशासन इस फैसले को लागू न करे या फिर सरकार इसे वापस ले। दुकानदारों को अगर ऐसा करना है तो उन्हें अपनी मर्जी से नामपट्टिका लगानी चाहिए। साथ ही, ऐसा लगता है कि प्रशासन दुकानदारों पर नामपट्टिका हटाने का दबाव नहीं बना रहा है। जहां तक शाकाहार और मांसाहार की बात है, उसमें सेंस है। यदि कोई शाकाहारी है तो उसके सामने यह प्रमाणित होना चाहिए कि जो पदार्थ वह खा रहा है वह वेज है। पर क्या इस पर पाबंदी लगा सकते हैं कि मांसाहार खाने वाला आदमी वेज चीज न बनाए या न परोसे? मुसलमान शाकाहारी हैं और हिंदू मांसाहारी भी हैं।
सभी दुकानों पर नेमप्लेपट लगानी हुई शुरू
इस दौरान किसी पत्रकार ने कहा कि अबे तो यूपी में टायर और पंचर की दुकानों पर भी नेमप्ले ट लगने शुरू हो गए हैं। जयंत चौधरी ने इस पर जवाब देते हुए पूछा, “आप नाम कहां लिखेंगे?” क्या हम कुर्ते पर भी लिखना शुरू कर दें कि किससे गले मिलना है और किससे हाथ मिलाना है? गौरतलब है कि आरएलडी के अलावा जेडीयू और एलजेपी ने भी योगी सरकार के इस फैसले पर चिंता जताई है। योगी के आदेश के बाद कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों पर नाम के बोर्ड लगने शुरू हो गए हैं।