आजकल की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी और सुविधाजनक जीवनशैली के चलते हमारे खानपान की आदतों में भी बड़े बदलाव आ चुके हैं। इनमें से एक बड़ा बदलाव है, खाने में रिफाइंड तेल का बढ़ता हुआ इस्तेमाल। रिफाइंड ऑयल को हम स्वस्थ विकल्प मानते हैं, क्योंकि यह साफ़ और पतला होता है। लेकिन सच तो यह है कि इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यह तेल हार्ट की हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है और इसके साथ ही यह शरीर में कई अन्य बीमारियों को भी न्योता देता है।
रिफाइंड तेल में छुपा जहर
रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल भले ही हमारे भोजन को स्वादिष्ट बना देता है, लेकिन इसके छुपे हुए नुकसानों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस तेल को बनाने की प्रक्रिया में कई प्रकार के रसायनों का उपयोग किया जाता है। इन रसायनों के कारण तेल में प्राकृतिक पोषक तत्व कम हो जाते हैं, और यह शरीर के लिए हानिकारक तत्वों में बदल जाता है। इसके साथ ही, यह तेल अत्यधिक तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे इसमें ट्रांस-फैट्स बन जाते हैं। ट्रांस-फैट्स हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं, जो हार्ट की समस्याओं का मुख्य कारण होता है।
बैड कोलेस्ट्रॉल और हार्ट की समस्याएं
रिफाइंड तेल का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को तेजी से बढ़ाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। रिफाइंड तेल का बार-बार इस्तेमाल करने से आर्टरीज में प्लाक जमने लगता है, जिससे ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है। इस स्थिति में हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
शरीर में घुस जाती हैं अन्य बीमारियां
रिफाइंड तेल का ज्यादा सेवन न केवल हार्ट को प्रभावित करता है, बल्कि यह कई अन्य बीमारियों का कारण भी बनता है। इस तेल में मौजूद ट्रांस-फैट्स और अन्य हानिकारक तत्व डायबिटीज, मोटापा, कैंसर और लिवर की समस्याओं का जोखिम बढ़ाते हैं। मोटापा एक ऐसी समस्या है जो अन्य कई बीमारियों की जड़ होती है। इसके साथ ही, रिफाइंड तेल के अधिक सेवन से शरीर में सूजन (इंफ्लेमेशन) भी बढ़ती है, जो जोड़ों के दर्द और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का कारण बन सकती है।
कैसे करें स्वस्थ तेल का चयन?
रिफाइंड तेल के इन नुकसानों को देखते हुए, हमें यह समझना होगा कि स्वस्थ तेल का चयन कितना महत्वपूर्ण है। हमें ऐसे तेलों का उपयोग करना चाहिए जिनमें प्राकृतिक पोषक तत्व मौजूद हों और जिन्हें अधिक प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) से नहीं गुजारा गया हो। कुछ बेहतर विकल्पों में शामिल हैं:
- सरसों का तेल: इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स होते हैं, जो हार्ट की हेल्थ के लिए लाभकारी होते हैं।
- नारियल का तेल: यह तेल नैचुरल फैटी एसिड्स से भरपूर होता है और शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
- ऑलिव ऑयल: यह तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स का अच्छा स्रोत है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर, हार्ट की हेल्थ को बेहतर बनाता है।
- देसी घी: घी में मौजूद विटामिन्स और हेल्दी फैट्स हार्ट और दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं। हालांकि इसका सेवन संयम से करना चाहिए।
रिफाइंड तेल का अत्यधिक सेवन आपके शरीर के लिए धीमे ज़हर की तरह हो सकता है। यह हार्ट की बीमारियों से लेकर डायबिटीज, मोटापा और अन्य घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में सही तेल का चयन करें और रिफाइंड तेल के इस्तेमाल को जितना हो सके कम करें। ध्यान रखें कि आपकी छोटी-छोटी आदतें ही आपकी बड़ी सेहत का आधार होती हैं।