नई दिल्ली: कच्चे तेल के भाव की चर्चा चारों तरफ की जा रही है. मंदी की आशंका और सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों के चलते कच्चे तेल की कीमतों में काफी अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. सप्लाई चेन से जुड़ी चिंताओं के वजह से Crude Oil Price में बुधवार को करीब तीन फीसदी का उछाल देखने को मिला. बीते दिन अमेरिकी बेंचमार्क (U.S. benchmark) क्रूड ऑयल का रेट 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया.
आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) की वजह से पेट्रोलियम प्रोडक्ट की मांगों में गिरावट आ सकती है. इस वजह से क्रूड ऑयल के रेट में गिरावट देखी जा रही है. सिटी ग्रुप का मानना है कि इस साल के अंत तक क्रूड ऑयल का भाव गिरकर 65 डॉलर और 2023 के अंत तक फिसलकर 45 डॉलर तक पहुंच सकता है. इस समय क्रूड ऑयल का भाव इंटरनेशनल मार्केट में 112 डॉलर के करीब है.
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वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 8.4% यानी 9.14 डॉलर की गिरावट के साथ 99.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. इससे पहले मई में इंटरमीडिएट क्रूड का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरा था. सिटी ग्रुप का दावा है कि क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट सिर्फ इस साल नहीं, बल्कि अगले साल भी जारी रह सकती है. 2023 के अंत तक क्रूड ऑयल का भाव गिरकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है.
सिटी ग्रुप के अनुसार, 2022 और 2023 में रूसी कच्चे तेल का निर्यात मजबूत बना रह सकता है. ब्रेंट क्रूड का रेट 2022 की तीसरी तिमाही में 99 डॉलर प्रति बैरल और चौथी तिमाही में 85 डॉलर प्रति बैरल हो सकता है. भारत में पेट्रोल 96-111 रुपये प्रति लीटर के बीच बिक रहा है. ऐसे में अगर आने वाले दिनों में कच्चे तेल के भाव में गिरावट आती है, तो लोगों को महंगे ईंधन से राहत मिल सकता है.