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Delhi News: दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक फैसला, अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को देश में सबसे ज्यादा नकद राशि

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान करने के साथ-साथ राजधानी के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को और अधिक हुनरमंद बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

Delhi News: Historic decision of Delhi Government, highest cash prize in the country to international medal winners

Delhi News: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान करने के साथ-साथ राजधानी के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को और अधिक हुनरमंद बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में उन्होंने ‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना’ के तहत अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वालों के लिए नकद पुरस्कार राशि में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की। अब दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जो अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को सबसे ज्यादा इनाम राशि देगा। इसके साथ ही, उन्हें क्लास ए की सरकारी नौकरी का रास्ता भी मिल गया है। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की 11वीं कक्षा के छात्रों को लैपटॉप देने और स्कूलों में कंप्यूटर लैब खोलने की योजना को भी मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री का मानना है कि ये योजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ अभियानों और आधुनिक शिक्षा से जुड़े उनके विचारों से प्रेरित हैं।

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कैबिनेट की बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य स्कूल स्तर से ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, उपकरण, पोषण और मानसिक सहायता देना है, ताकि वे वैश्विक मंचों पर बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना’ का मकसद सिर्फ खेलों को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों में दिल्ली के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना पैदा करना है, ताकि वे अपनी प्रतिभा का विकास दिल्ली में ही करें और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर दिल्ली का नाम रोशन करें। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का यह कदम राजधानी के विभिन्न खेल क्षेत्रों के उभरते और स्थापित खिलाड़ियों में नई ऊर्जा भर देगा।

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कैबिनेट बैठक में शामिल खेल व शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य खिलाड़ियों को न केवल उनके प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता देना है, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना और खेलों में उनकी उपलब्धियों के लिए पर्याप्त नकद पुरस्कार देना भी है। इस नई योजना के तहत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में भारी वृद्धि की गई है:

  • ओलंपिक और पैरालंपिक पदक विजेता:
  • स्वर्ण पदक: 7 करोड़ रुपये
  • रजत पदक: 5 करोड़ रुपये
  • कांस्य पदक: 3 करोड़ रुपये
  • एशियाई खेल और पैरा एशियन खेल पदक विजेता:
  • स्वर्ण पदक: 3 करोड़ रुपये
  • रजत पदक: 2 करोड़ रुपये
  • कांस्य पदक: 1 करोड़ रुपये
  • कॉमनवेल्थ गेम्स और पैराकॉमनवेल्थ गेम्स पदक विजेता:
  • स्वर्ण पदक: 2 करोड़ रुपये
  • रजत पदक: 1.5 करोड़ रुपये
  • कांस्य पदक: 1 करोड़ रुपये
  • राष्ट्रीय स्तर के विजेता खिलाड़ी:
  • स्वर्ण पदक: 11 लाख रुपये
  • रजत पदक: 5 लाख रुपये
  • कांस्य पदक: 3 लाख रुपये

यह नकद राशि अब पूरे देश में सबसे ज्यादा है।

खेल व शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने यह भी बताया कि दिल्ली के स्कूली छात्रों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 5 लाख रुपये तक की प्रशिक्षण सहायता दी जाएगी, जिसमें 5 लाख रुपये तक का मेडिकल इंश्योरेंस भी शामिल है। उच्च स्तरीय खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण सहायता 20 लाख रुपये तक बढ़ाई गई है, जिसमें 10 लाख रुपये तक का मेडिकल इंश्योरेंस शामिल है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी वित्तीय सहायता देगी, जो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और उससे जुड़े संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त खेल संघों या एसोसिएशनों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इसमें यात्रा, आवास, भोजन और टूर्नामेंट शुल्क के लिए 2 लाख रुपये तक के खर्चों की पूर्ति शामिल होगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, कैबिनेट का एक और ऐतिहासिक निर्णय यह भी है कि विजेता खिलाड़ियों के लिए उच्च सेवा की सरकारी नौकरी के दरवाज़े भी खोल दिए गए हैं। इसका लाभ यह होगा कि खिलाड़ी दिल्ली को ही अपना निवास बनाए रखेंगे, साथ ही उनका करियर भी सुरक्षित रहेगा। अब ओलंपिक खेलों में स्वर्ण और रजत पदक विजेता तथा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी ग्रेड ए के सरकारी पदों के लिए पात्र बना दिए गए हैं।

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता, एशियाई खेलों के रजत और कांस्य पदक विजेता, कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण और रजत पदक विजेता, पैरालंपिक पदक विजेता और पैरा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ग्रेड बी के सरकारी पदों के लिए पात्र होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स, पैरा एशियाई खेलों और पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स के अन्य पदक विजेता ग्रेड सी के सरकारी पदों के लिए पात्र होंगे।

दिल्ली के खेल व शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “शहर में एक मजबूत खेल संस्कृति बनाने और युवा खिलाड़ियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम” बताया है। श्री सूद ने कहा कि हमारी सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की कड़ी निगरानी करेगी, ताकि दिल्ली को भारत में एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना’ दिल्ली के लाखों युवाओं के लिए एक नई आशा, नई दिशा और नई पहचान का माध्यम बनेगी। इससे दिल्ली की प्रतिभाओं को देश में ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर भी नई पहचान मिलेगी।

स्कूलों में कंप्यूटर लैब को मंजूरी

शिक्षा व खेल मंत्री आशीष सूद ने यह भी जानकारी दी कि कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में डिजिटल बुनियादी ढांचे सहित कंप्यूटर लैब स्थापित करने की योजना को मंज़ूरी दी है। इस योजना के पहले चरण (वर्ष 2025-26) में 175 कंप्यूटर लैब स्थापित की जाएंगी। इसके बाद दूसरे चरण (वर्ष 2026-27) में 175 और लैब स्थापित होंगी। बाकी स्कूलों को आने वाले चरणों में शामिल किया जाएगा। कुल मिलाकर, 544 स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर 350 स्कूल भवनों में चुना गया है। इसमें उन स्कूलों को प्राथमिकता दी गई है, जहां एक ही भवन में सुबह और शाम की शिफ्ट में अलग-अलग स्कूल चलते हैं। इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। हर लैब में 40 डेस्कटॉप कंप्यूटर और अन्य संबंधित डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए एक परियोजना निगरानी इकाई गठित की गई है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप

शिक्षा व खेल मंत्री आशीष सूद ने यह भी बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने कक्षा 10वीं के बोर्ड परिणाम के आधार पर कक्षा 11वीं के मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने के लिए ‘मुख्यमंत्री डिजिटल शिक्षा योजना’ को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के कक्षा 11वीं के 1200 मेधावी छात्रों को कक्षा 10वीं के बोर्ड परिणाम के आधार पर मुफ्त लैपटॉप दिए जाएंगे। यह योजना दिल्ली सरकार के बजट भाषण में घोषित की गई थी। यह योजना शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी और हर साल दोहराई जाएगी।

इस पहल का उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उनके प्रयासों में सहयोग देना है। वर्तमान में इस योजना के लिए लगभग 7.5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह योजना डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और छात्रों को आधुनिक उपकरणों से सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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Written by । Nagendra Bhati ।Delhi Bureau

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