Delhi Ordinance: दिल्ली का बॉस कौन को लेकर जहां एक तरफ देश के भीतर बहस जारी है वही आज सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ के जरिये होगी। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि कलह से ऊपर उठकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को सोचने की जरूरत है। आपसी टकराव ठीक नहीं है। दोनों मिलकर सभी हल निकाल सकते हैं।
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बता दें पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एक बड़ा फैसला देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को अहम अधिकार दिया था लेकिन उसके तुरंत बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली पर अध्यादेश (Delhi Ordinance) लाकर अधिकारों को राज्यपाल के हाथ में दे दिया। इसके बाद केजरीवाल फिर से मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अब इस मामले को संविधान पीठ को भेजा सकता है। अब कोई भी संशोधन संविधान पीठ ही करेगी।
आज की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने सीएम और एलजी को नसीहत भी दी है। पीठ ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल और सीएम को आपस में बैठकर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष के नाम पर फैसला करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा सीएम और उपराज्यपाल संविधानिक पद पर बैठे हैं इन्हें कलह (Delhi Ordinance) से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। दोनों डीआइआरसी अध्यक्ष का नाम तय करके कोर्ट को देना चाहिए।
बता दें कि जहां केंद्र सरकार अध्यादेश को मॉनसून सत्र में बिल पेश करने की तैयारी में है वह मुख्यमंत्री केजरीवाल विपक्षी पार्टियों से मिलकर संसद में इसके खिलाफ आवाज उठाने की पैरवी कर रहे हैं। इस मामले में सभी विपक्षी दलों ने केजरीवाल का साथ देने की बात भी कही है। कांग्रेस ने भी आप को साथ देने का ऐलान किया है। इसके बाद ही आप नेता बंगलौर की बैठक में पहुंचे हैं।