Lok Sabha Election Update: धनंजय दिलाएंगे BJP को विजय, बाहुबलियों का भय, राजा भैया का छूटा साथ, UP में कैसे बनेगी बात?
Lok Sabha Election Update: यूपी की सिसायत में बाहुबलियों का हमेशा से दबदबा रहा है। किसी दल के लिए बाहुबली जरूरी होते हैं। तो किसी के लिए मजबूरी। एक तरफ धनंजय सिंह ने बीजेपी को बिन मांगे समर्थन दे दिया तो दूसरी तरफ राजा भैया ने समर्थन मांगने के बावजूद बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है।
राजा भैया का अपने इलाके में सिक्का चलता है। कहा जाता है कि राजा भैया जिस भी नेता पर अपना हाथ रख दें। वहीं जीत जाता है, लेकिन इस बार राजा भैया के तेवर बदले बदले नजर आ रहे हैं। कल तक बीजेपी का गुणगान करने वाले राजा भैया आज बिफरे बिफरे नजर आ रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ बीएसपी हैशटैग से शुरू हुई बाहुबली धनंजय सिंह की चुनावी यात्रा जीतेगा जौनपुर जीतेगी बीजेपी पर शिफ्ट हो गया है। जौनपुर में धनंजय सिंह ने बीजेपी को समर्थन का एलान कर दिया है।
दरअसल धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला को बीएसपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन बीएसपी ने जौनपुर में खेला कर दिया। BSP ने टिकट काटकर मौजूदा सांसद श्याम यादव को ही जौनपुर से टिकट दे दिया। पत्नी का टिकट कटने के बाद से ही धनंजय सिंह सियासी ठिकाने की तलाश में थे और आज उन्होंने जौनपुर में बीजेपी को समर्थन देने का एलान कर दिया यानी कृपाशंकर सिंह को धनंजय सिंह का साथ मिल गया।
जौनपुर में बीजेपी ने कांग्रेस से आए कृपाशंकर सिंह पर दांव लगाया है। वहीं श्रीकला सिंह का टिकट काटकर बीएसपी ने श्याम यादव को उम्मीदवार बनाया है। जबकि एसपी ने बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर से टिकट दिया है। यादव समाज परंपरागत दौर पर एसपी का वोटर माना जाता है ऐसे में बीएसपी की तरफ से यादव उम्मीदवार को मैदान में लाने से यादव वोट बंट सकता है और इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
अब यूपी के दूसरे बाहुबली राजा भैया का सियासी दांव देखिए। यूपी की सियासत में ये तस्वीरें चर्चा में है जब आज राजा भैया के घर बीजेपी के दिग्गज नेता हाजिरी लगाने पहुंच गए, जिनमें केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कौशांबी से सांसद और बीजेपी उम्मीदवार विनोद सोनकर शामिल थे।
यूपी की कौशांबी लोकसभा सीट पर राजा भैया का सियासी दखल है। यहां वोटरों की एक लंबी चौड़ी तादाद है जो राजा भैया के कहने पर वोटिंग का मिजाज बदल लेती है। राजा भैया की इसी ताकत को भांपते हुए बीजेपी समर्थन की उम्मीद जता रही थी लेकिन राजा भैया फिलहाल बीजेपी के साथ की बजाय मध्यमार्ग की तरफ जाते दिख रहे हैं और राजा भैया का ये मध्यमार्ग कौशांबी में बीजेपी को परेशान कर सकता है।
कौशांबी लोकसभा में विधानसभा की 5 सीट हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में 3 सीट समाजवादी खाते में गई थी। दो सीट कुंडा और बाबागंज राजा भैया की पार्टी जीती थी। बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। एसपी और राजा भैया के संबंध फिलहाल अच्छे ना हो लेकिन इतिहास के पन्ने दोनों की करीबियों से भरे पड़े है और ऐसे में कौशांबी सीट पर राजा भैया के सस्पेंस से लग रहा है कि राजा भैया कहीं फिर से अखिसलेश की साइकिल की सैर पर न निकल जाएं। अगर ऐसा होता है तो कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा नुकसान हो सकता है।