नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्ऱिंग मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पांचवें दिन पूछताछ हुई। अब तक राहुल से 35-40 घंटे तक सवाल जवाब किये जा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ईडी द्वारा पूछे गये जवाबों में दिये गये बयानों में इस तरह से फंस गये हैं कि उनके लिए उन पर लगे मनी लांड्रिंग के आरोपों को नकारने का कोई रास्ता ही नहीं बचा है।
राहुल गांधी अपने बयानों और जवाबों में बुरी तरह उलझ गये हैं। इसका आभास राहुल गांधी के करीबी वरिष्ठ नेताओं को भी है। इसी कारण देश भर के कांग्रेसी तनाव में हैं और वे हंगामा, प्रदर्शन करके सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को दवाब में लेने की भरपूर कोशिश कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों इस मामले में कोई भी चूक करने के मूड़ में नहीं है। वे हर पहलू से सभी बिन्दुओं पर राहुल के जवाब दर्ज कर रहे हैं, इसलिए इतनी लंबी पूछताछ हो रही है। कांग्रेसियों को भय सता रहा है कि ईडी सोनिया गांधी से भी इसी मामले में पूछताछ करेगी और यदि तमाम सवाल दोनों से एक ही जैसे पूछे जाएंगे और यदि दोनों के बयानों में अंतर हुआ तो राहुल और सोनिया गांधी का इस प्रकरण में फंस सकते हैं।
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ऐसी स्थिति में कांग्रेसियों के लिए राहुल गांधी को अपना नेता बताकर उनका साथ देने के लिए विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति पर लेने के देने पड़ सकते हैं। ये कांग्रेसी दूसरे दलों के नेताओं के निशाने पर आ जाएंगे और फिर राहुल और सोनिया के सर्मथन में उनके लिए आवाज उठाना मुश्किल होगा।प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए 29 जून बुलाया है, लेकिन उनके अस्वस्थ्य होने के कारण निर्धारित तिथि पर सोनिया का ईडी में पेश होने पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है।