ED Summons Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक पर कसा CBI का शिकंजा, घर और दफ्तर सहित 30 ठिकानों पर रेड…
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ED Summons Satyapal Malik: सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह राज्य के राज्यपाल थे (जम्मू और कश्मीर अभी केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना था) तो उन्हें परियोजना से संबंधित 2 फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक jammu- kashmir के राज्यपाल थे।
जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार केस में 22 फरवरी यानि आज गुरुवार सुबह CBI ने दिल्ली में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आवास और ऑफिस की तलाशी ली। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने Jammu-kashmir में भी 30 ठिकानों पर छापेमारी की। यह मामला किश्तवाड़ प्रस्तावित किरू hydro power project से संबंधित है जो की चिनाब नदी पर स्थित है, इसे 2019 में 2200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के लिए आवंटित अनुबंध में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।
आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह राज्य के राज्यपाल थे (उस वक्त जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना था) तो उनको 300 करोड़ रुपये की रिश्वत परियोजना के सम्बन्ध में 2 दस्तावेजों को मंजूरी देने के लिए उन्हें यानि सत्यपाल मलिक को दिया गया था.. आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। पिछले महीने भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केस में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में तकरीबन 8 जगहों पर छापेमारी की थी।
इस मामले में चल रही जांच।
CBI ने पिछले महीने अपनी छापेमारी में डिजिटल डिवाइस, Computer, संपत्ति के दस्तावेज के अलावा करीब 21 लाख से अधिक की नकदी बरामद की थी। केंद्रीय एजेंसी ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (प्राइवेट) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारियों MS बाबू, MK मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चौधरी जम्मू के 1994-बैच के कश्मीर कैडर (अब AGMUTकैडर) IAS अधिकारी हैं।
क्या हैं किरू hydro electric project में भ्रष्टाचार के आरोप?
किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (hydro electric project ) से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में ई-टेंडरिंग संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया। साथ ही यह आरोप भी लगाया गया कि CVPPPL की 47वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रिवर्स नीलामी के साथ-साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम से अनुबंध को फिर से आवंटित किया जाएगा। मगर चल रही टेंडर प्रक्रिया को खारिज करने के बाद इसे लागू नहीं किया गया और CVPPPL की 48वीं बोर्ड बैठक में पिछली बैठक के फैसले को पलट दिया गया।
सत्यपाल मलिक के पूर्व प्रेस सचिव के घर भी की छापेमारी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रेस सचिव रहे सुनक बाली के दिल्ली स्थित ठिकानों पर CBI ने छापेमारी की थी। दक्षिण दिल्ली में डिफेंस कॉलोनी (Defence colony) और वेस्ट एंड में उनके परिसरों पर छापे मारे गए CBI के एक शीर्ष अधिकारी की माने तो , सुनक बाली धन गबन मामले में मुख्य संदिग्ध है।
हालांकि, सत्यपाल ने अपने पूर्व सहयोगी का बचाव किया। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा था, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस केस में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले को ही CBI परेशान कर रही है। जब मैं जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल था, तब वह मेरे प्रेस सलाहकार थे और इस काम के लिए उन्होंने कोई सरकारी वेतन नहीं लिया।