G-20 Summit: भारत में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (shi jinping) के शामिल होने की संभावना बेहद कम है। उनकी जगह चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग या विदेश मंत्री वांग यी चीन का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। इस बीच खुलासा हुआ है कि शी जिनपिंग के भारत न आने के पीछे एक महत्वपूर्ण वजह छिपी है।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इंडिया में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) में हिस्सा लेने की संभावना बेहद कम है। दावा किया जा रहा है कि चीन ने अभी तक शी जिनपिंग के भारत दौरे पर आधिकारिक हामी नहीं भरी है। ऐसे में अगर चीन के निर्णय की पुष्टि हो जाती है तो वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद दूसरे नेता होंगे जो G-20 का सदस्य होते हुए शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। भारत और चीन के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद है, जो जून 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग अगस्त के आखिरी हफ्ते में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय मुलाकात भी की थी, लेकिन इस दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच बयानबाजी भी देखने को मिली थी।
भारत-चीन के बीच लगातार बिगड़ते जा रहे संबंध
न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में साउथ एशिया इनिशिएटिव्स के निदेशक फरवा आमेर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारत-चीन संबंध लगातार जटिल होते जा रहे हैं। जहां तक G-20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) का सवाल है, अंतिम परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि भू-राजनीतिक तनाव और राजनीतिक प्रतिस्पर्धा किस हद तक वैश्विक आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय कूटनीति को प्रभावित कर रही है। न्यूज एजेंसी रायटर्स ने शी जिनपिंग की अनुपस्थिति को लेकर जो रिपोर्ट दी है, उसमें 2 भारतीय अधिकारियों का हवाला दिया गया है। इनमें एक अधिकारी चीन में स्थित भारतीय राजनयिक हैं तो दूसरे G-20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के आयोजन के लिए काम कर रहे हैं।
G-20 में जिनपिंग की जगह कौन होगा शामिल?
जानकारी के मुताबिक बता दें 3 पश्चिमी अधिकारियों ने बताया है कि शी जिनपिंग के G-20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) में शामिल होने की उम्मीद बेहद कम है। उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग 9-10 सितंबर को G-20 शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले कहा था कि वह भारत की यात्रा नहीं करेंगे और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजेंगे। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पुतिन के भारत नहीं आने की पु्ष्टि भी कर दी है, हालांकि चीन ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। रूस के इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन के साथ फोन पर बात भी की है, लेकिन दोनों के बीच G-20 के मुद्दे के साथ-साथ और कई अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत हुई थी।
शी जिनपिंग G-20 में भाग लेने क्यों नहीं आ रहे भारत
भारत में G-20 शिखर सम्मेलन को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच एक बैठक के संभावित अवसर के रूप में भी देखा गया है। बाइडन ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। अमेरिका इन दिनों चीन के साथ बिगड़ते रिश्तों को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, चीन ने शी जिनपिंग की योजनाओं को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि बीजिंग को लगता है कि भारत-चीन तनाव के कारण शी जिनपिंग को G-20 में विशेष रूप से गर्मजोशी से स्वागत मिलने की संभावना नहीं है। कई यूरोपीय देश यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को चीन के समर्थन को लेकर सावधान हैं। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ चीन विरोधी खेमा बना रहा है। ऐसे में उन्होंने G-20 से दूरी बनाने का फैसला खुद की इज्जत को बचाने के लिए किया होगा।