SIBERIAN BIRDS IN NAINITAL: जलाशयों में विदेशी परिंदों का डेरा, लोगों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
SIBERIAN BIRDS IN NAINITAL: नैनीताल के हल्द्वानी क्षेत्र में जलाशयों पर अठखेलियां कर रहे विदेशी परिंदे इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं। इन विदेशी मेहमानों की मौज-मस्ती और खूबसूरत उड़ानें देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और उनके इस अद्भुत नज़ारे से रोमांचित हो रहे हैं।
SIBERIAN BIRDS IN NAINITAL: हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी क्षेत्र में स्थित जलाशय और तराई के जंगल इन दिनों विदेशी प्रवासी पक्षियों के अद्भुत नजारों से गुलजार हो गए हैं। हर साल की तरह इस बार भी साइबेरियन और अन्य विदेशी परिंदों का झुंड तराई के जलाशयों में पहुंच चुका है। ये पक्षी न केवल पर्यावरण प्रेमियों और बर्ड वाचर्स को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय और पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
तराई क्षेत्र के बौर-हरिपुरा जलाशय, बैगुल-नानक सागर, कोसी बैराज, तुमड़िया जलाशय समेत अन्य जलाशय ठंड के मौसम में प्रवासी पक्षियों के लिए आदर्श ठिकाना बन जाते हैं। यहां का साफ वातावरण, जलाशयों का स्वच्छ पानी और दलदली भूमि इन पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। साइबेरिया, रूस, यूरोप, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों से ये पक्षी 6,000 से 10,000 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर यहां पहुंचते हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वन विभाग ने इन विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पक्षियों की निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। इन पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभागीय टीमें गठित की गई हैं।
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जलाशयों में पक्षियों की विविधता
तराई क्षेत्र के जलाशयों में हर साल हजारों पक्षी पहुंचते हैं, जिनमें मालार्ड, नार्दर्न पिनटेल, यूरेशियन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, फेरूजिनस डक, टफ्टेड डक, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, कॉमन मोरेन, यूरेशियन कूट जैसी प्रजातियां शामिल हैं। इसके अलावा उच्च हिमालय क्षेत्र के एशियन वूली नेक्ड स्टोर्क, एशियन ओपन बिल स्टोर्क, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, ग्रे हेरोन और बार हेडेड गूज भी यहां देखे जा सकते हैं।
पिछले साल हुई गणना के अनुसार, करीब 160 प्रजातियों के पक्षी इस क्षेत्र में पहुंचे थे। इस साल भी जनवरी में प्रवासी पक्षियों की गणना की जाएगी। पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि ये पक्षी न केवल प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी समृद्ध करते हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
सर्दियों की छुट्टियों में हल्द्वानी और उसके आसपास आने वाले पर्यटकों के लिए यह दृश्य किसी अद्भुत अनुभव से कम नहीं है। जलाशयों में पक्षियों की अठखेलियां और उनकी मनमोहक हरकतें देखकर लोग रोमांचित हो उठते हैं। बर्ड वाचर्स के लिए यह समय पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने और उन्हें कैमरे में कैद करने का सुनहरा मौका होता है।
वन विभाग और पर्यावरण प्रेमियों की अपील
वन विभाग ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील की है कि वे इन पक्षियों के प्राकृतिक आवास में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करें। विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पक्षियों के विश्राम और भोजन के लिए शांत और सुरक्षित माहौल बेहद जरूरी है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इन पक्षियों का आगमन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि क्षेत्र के पर्यावरणीय महत्व को भी रेखांकित करता है।
साइबेरियन पक्षियों का महत्व
साइबेरियन पक्षी न केवल जैव विविधता के प्रतीक हैं, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ये पक्षी लंबी यात्रा कर अपनी ऊर्जा और सहनशक्ति का अद्भुत प्रदर्शन करते हैं। इनकी उपस्थिति न केवल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करती है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों का प्रभाव इनके प्रवास पर कम से कम हो।
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