Foreign trekkers missing in Chamoli: चमोली के चौखंभा पर्वत से लापता विदेशी महिला ट्रेकर्स का टेंट और स्लीपिंग बैग मिला, सर्च ऑपरेशन जारी
Tent and sleeping bag of missing foreign female trekkers found from Chaukhambha mountain of Chamoli, search operation continues
Foreign trekkers missing in Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जिले के चौखंभा पर्वत पर तीन दिनों से लापता अमेरिका और ब्रिटेन की दो विदेशी महिला ट्रेकर्स की तलाश अभी भी जारी है। शनिवार को रेस्क्यू टीम को चौखंभा बेस कैंप में उनके टेंट और स्लीपिंग बैग मिले, लेकिन अब तक ट्रेकर्स का कोई सुराग नहीं लग पाया है। 27 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक फायजाने और 23 वर्षीय अमेरिकी नागरिक मिचेल थेरेसा 11 सितंबर को चौखंभा थ्री पर्वत की चढ़ाई के लिए निकली थीं। उनकी वापसी 18 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन गुरुवार से ही उनका संपर्क टूट गया है।
तीसरे दिन के सर्च ऑपरेशन में टेंट और स्लीपिंग बैग मिला
शनिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर के माध्यम से एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की चार सदस्यीय टीम को चौखंभा बेस कैंप पर उतारा गया। टीम को बेस कैंप में दोनों महिला ट्रेकर्स का टेंट और स्लीपिंग बैग मिला है, लेकिन दोनों ट्रेकर्स का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। एसडीआरएफ के जवानों ने बेस कैंप और उसके आसपास के क्षेत्रों में गहन खोजबीन की, लेकिन उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। टीम ने हेलिकॉप्टर की मदद से भी ऊंचाई वाले इलाकों में तलाशी की, लेकिन कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
महिला ट्रेकर्स से 11 सितंबर के बाद नहीं हुआ संपर्क
चमोली जिला प्रशासन के अनुसार, फायजाने और मिचेल थेरेसा 11 सितंबर को चौखंभा थ्री पर्वत की चढ़ाई के लिए निकली थीं। इस पर्वत की ऊंचाई 6,854 मीटर है और यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ियों और खतरनाक चढ़ाई के लिए जाना जाता है। दोनों महिला पर्वतारोही 18 अक्टूबर तक वापस लौटने वाली थीं, लेकिन गुरुवार से ही उनका संपर्क टूट गया। जब वे अपने बेस कैंप पर नहीं पहुंचीं, तो उनके एजेंसी ने सैटेलाइट पेजर के माध्यम से उनसे संपर्क करने की कोशिश की। संपर्क टूटने के बाद एजेंसी ने तुरंत उत्तराखंड प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद चमोली जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने मिलकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
एयरफोर्स और एसडीआरएफ ने संभाली सर्च ऑपरेशन की कमान
लापता महिला ट्रेकर्स को ढूंढने के लिए पहले वायुसेना की मदद ली गई। चार अक्टूबर को एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर के माध्यम से चौखंभा के इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद एसडीआरएफ को सर्च ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई। एसडीआरएफ की टीम हेलिकॉप्टर के जरिये चौखंभा बेस कैंप पर पहुंची और वहां गहन तलाशी अभियान शुरू किया। बेस कैंप में टेंट और स्लीपिंग बैग मिलने के बाद भी टीम को महिला ट्रेकर्स का कोई सुराग नहीं मिल पाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन कल फिर से होगा शुरू
रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि खराब मौसम और बर्फबारी के कारण तलाशी अभियान में काफी दिक्कतें आ रही हैं। चौखंभा पर्वत पर अचानक मौसम खराब होने से हेलिकॉप्टर को भी सुरक्षित तरीके से उड़ान भरने में समस्या हो रही है। बावजूद इसके, टीम के सदस्यों ने पूरी तत्परता से तलाशी अभियान को अंजाम दिया। एसडीआरएफ के अधिकारी महेंद्र प्रसाद ने बताया कि रविवार को फिर से तलाशी अभियान शुरू किया जाएगा और महिला ट्रेकर्स को ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन की सक्रियता
उत्तराखंड सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी खुद जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन में आधुनिक उपकरणों और ड्रोन की मदद ली जा रही है ताकि पर्वत की हर जगह पर नजर रखी जा सके। राज्य सरकार ने वायुसेना, एसडीआरएफ और स्थानीय पर्वतारोहियों की संयुक्त टीम गठित की है, जो लगातार इलाके में खोजबीन कर रही है।
चौखंभा की कठिन परिस्थितियों में चुनौती बना सर्च ऑपरेशन
चौखंभा पर्वत की ऊंचाई और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तलाशी अभियान में काफी मुश्किलें आ रही हैं। पर्वत की ढलानें बेहद खतरनाक हैं और अचानक मौसम खराब होने की संभावना बनी रहती है। यहां तक कि अनुभवी पर्वतारोहियों के लिए भी यह क्षेत्र बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है। प्रशासन को डर है कि खराब मौसम और ऊंचाई के कारण दोनों महिला ट्रेकर्स कहीं फंस गई हैं या फिर बर्फ में दब गई हैं। इस स्थिति में उनका जल्द से जल्द मिलना बेहद आवश्यक है।
परिजनों की बेचैनी बढ़ी, लगातार मिल रही जानकारी
इस बीच, लापता महिला ट्रेकर्स के परिवार वालों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। प्रशासन द्वारा लगातार उन्हें सर्च ऑपरेशन की स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। लापता ट्रेकर्स के परिवार वालों ने प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द उनकी बेटियों का पता लगाएं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं और ट्रेकर्स की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब चौखंभा पर्वत या उत्तराखंड के अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे हादसे हुए हैं। यहां की खतरनाक चढ़ाई और मौसम की अप्रत्याशित परिस्थितियां अक्सर पर्वतारोहियों के लिए जानलेवा साबित होती हैं। पिछले साल भी कई पर्वतारोहियों को खराब मौसम के कारण जान गंवानी पड़ी थी। प्रशासन और पर्वतारोही संगठनों ने मिलकर ऐसे हादसों से बचने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन फिर भी इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।