Uttarakhand Forest Action Plan: उत्तराखंड में हर साल जंगलों में लगने वाली आग और वन अपराधों की घटनाएं चिंता का विषय रही हैं। इसी को देखते हुए अब राज्य वन विभाग ने दीर्घकालिक रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। विभाग ने एक पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य वन विभाग को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना और वन संरक्षण को प्रभावी बनाना है। इस योजना को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, अब केवल केंद्र सरकार की स्वीकृति का इंतजार है।
वन विभाग को मिलेंगे आधुनिक उपकरण और हथियार
पंचवर्षीय योजना के तहत विभाग ने वन कर्मियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और हथियारों की मांग की है। मौजूदा समय में कई वनकर्मी ऐसे इलाकों में काम करते हैं, जहां उन्हें जंगली जानवरों, तस्करों और आग की घटनाओं का सीधा सामना करना पड़ता है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वे खुद असुरक्षित महसूस करते हैं। प्रस्ताव के अनुसार, अगले पांच सालों में इन कमियों को दूर कर वन कर्मियों को उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण, ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, संचार प्रणाली और अग्निशमन उपकरण दिए जाएंगे।
पढ़े: ‘उत्तराखंडियत’ पुस्तक का विमोचन, हरीश रावत ने साझा की पहाड़ की पीड़ा
वनाग्नि नियंत्रण के लिए विशेष रणनीति
हर साल गर्मियों में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं व्यापक स्तर पर होती हैं। इन घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए यह कार्य योजना विशेष रूप से प्रभावी हो सकती है। योजना में फॉरेस्ट फायर मिटिगेशन (वनाग्नि न्यूनीकरण) के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई गई है। इसमें संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, आग बुझाने के लिए विशेष वाहन, कर्मचारियों की तैनाती, पानी के भंडारण टैंक और स्थानीय समुदाय की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
रिक्त पदों पर होगी भर्ती, कर्मचारियों की कमी होगी दूर
वन विभाग की एक बड़ी समस्या कर्मचारियों की कमी रही है। जंगलों की विशालता और बढ़ते खतरों के मुकाबले विभाग के पास पर्याप्त मानव संसाधन नहीं हैं। कार्य योजना में वन विभाग के रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। अगले पांच सालों में नए वन रक्षकों, अधिकारियों और तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती कर विभाग को मजबूत बनाया जाएगा।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
राज्य सरकार ने दी स्वीकृति, केंद्र से बड़ी बजट सहायता की उम्मीद
उत्तराखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है और राज्य स्तर पर इसे मंजूरी भी मिल चुकी है। अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया है, जहां से बजट स्वीकृति की प्रतीक्षा की जा रही है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि भारत सरकार इस प्रस्ताव को प्राथमिकता देगी और अगले पांच वर्षों के लिए एक बड़ा बजट आवंटित करेगी ताकि विभाग योजनाओं को समय पर लागू कर सके।
स्थायी समाधान की ओर कदम
यह पंचवर्षीय योजना राज्य के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हर साल वन विभाग को उन्हीं पुरानी समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। संसाधनों की पहले से उपलब्धता से विभाग अपने कार्य को अधिक कुशलता से कर सकेगा। साथ ही, यह योजना उत्तराखंड के जंगलों और जैव विविधता की रक्षा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए जंगलों की रक्षा केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा से जुड़ा विषय भी है। वन विभाग की यह दीर्घकालिक योजना न केवल कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाएगी, बल्कि जंगलों को भी संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। अब सबकी नजरें केंद्र सरकार की मंजूरी पर टिकी हैं
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV