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देश ही नही बल्कि विदेशो में भी मांगी जा रही हैं Chandrayaan -3 की सफलता की मन्नत

Chandrayaan-3: चंद्रमा की तरफ वैज्ञानिकों का हमेशा से ही रुझान रहा है. धरती के बाद अगर किसी ग्रह को इंसानों के लिए उपयुक्त समझा गया है तो वह चांद्रमा है. धरती के सबसे नजदीक और ठंडे इस ग्रह पर कई देशों की स्पेस एजेंसियों ने वक्त वक्त पर अपने यान भेजती रही है. इस कड़ी में भारत तीसरी बार चंद्रमा पर पहुंच बनाने जा रहा है. Chandrayaan 1 और Chandrayaan 2 के बाद Chandrayaan -3 दुनिया के लिए इसलिए भी जिज्ञासा का विषय बना हुआ है क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव के छोर पर पहुंच बनाने वाला भारत पहला देश होगा.

भारत ही नहीं पूरी में Chandrayaan 3 की लाइव स्ट्रीमिंग की तैयारी जोरो शोरो से चल रही है। यूपी, मध्यप्रदेश देश के कई राज्यों में स्कूलों में Chandrayaan 3 की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था कराई गई है। इस दौरान छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी मौजूद रहेंगे।

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ISRO ने ट्वीट कर कहा Chandrayaan -3 अपने मिशन पर सही वक्त पर है और इसकी लगातार जांच की जा रही है। इसके साथ ही ISRO ने कहा कि एमओएक्स (MOX) ऊर्जा और उत्साह से भरपूर है। इसका सीधा प्रसारण 23 अगस्त 2023 को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरूआत की जाएगी ।

जानकारी के मुताबिक बता दें Chandrayaan 3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव से शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर उतरेगा। Chandrayaan -3 की जब चांद पर लैंडिंग होगी उसम उसकी 1 से 2 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास होगी। यानी लैंडिंग करते समय Chandrayaan की स्पीड कछुए की स्पीड से भी धीमी की जाएगी । आपको बता दें कि यही Chandrayaan 3 अंतरिक्ष में 40000 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चल रहा है.

चंद्रमा के मिशन की सफलता के लिए काउंट डाउन (COUNT DOWN) शुरु हो चुका है. 23 अगस्त यानि आज बुधवार की शाम ठीक 6 बजकर 4 मिनट पर Chandrayaan का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा. आपको बता दें इस मिशन की सफलता के लिए दुनियाभर में पूजा पाठ का दौर चल रहा है. गंगा आरती में खास पूजा से लेकर मंदिरों में हनुमान चालीसा के पाठ कराए जा रहे है मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, दरगाह सभी स्थानों के लोग Chandrayaan 3 मिशन की कामयाबी के लिए दुआ मांग रहे हैं। बता दें पुणे के श्री सिद्धिविनायक मंदिर में शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने Chandrayaan -3 की कामयाबी के लिए पूजा-अर्चना की। इसके अलावा दिल्ली के गणेश नगर में जन कल्याण समिति की तरफ से Chandrayaan -3 की सफलता पूर्वक लैंडिंग के लिए हवन और पूजन कराया गया. Chandrayaan -3 मिशन की कामयाबी के लिए कोलकाता में पाटुली उपनगरी बिजनेस एसोसिएशन ने पूजा और हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं अमेरिका के डेनवर, कोलोराडो में Chandrayaan -3 की सफल लैंडिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने एक लघु रेत की मूर्ति बनाई। Chandrayaan -3 की सफल लैंडिंग के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह-सुबह खास ‘भस्म आरती’ की गई। वाराणसी के हनुमान मंदिर में Chandrayaan -3 मिशन की कामयाबी के लिए पूजा पाठ किया जा रहा है। इसके साथ ही लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (islamik centre of india) में भी लोगों ने नमाज अदा और चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए दुआ मांगी।

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भारत ही नहीं दुनिया भर में मिशन Chandrayaan 3 की कामयाबी के लिए लोग मन्नत मांग रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी के मोनरो में ओम श्री साईं बालाजी मंदिर में भी प्रार्थना कर रहे हैं।

महत्ता
यदि इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसा करने वाला विश्र्व का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले चीन, अमेरिका और सोवियत यूनियन चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहे हैं। चंद्रमा के साउथ पोल की बात करें तो यहां किसी देश ने पहली बार अपना मिशन भेजा है। कहा जा रहा है कि यहां चांद पर पानी मौजूद हो सकता है।

चुनौती
यदि लैंडर मॉड्यूल के स्वास्थ्य में किसी भी तरह की दिक्कत पाई जाती है तो 23 अगस्त यानि आज की लैंडिंग को ISRO 27 अगस्त तक के लिए टाल सकता है। ISRO डायरेक्टर निलेश देसाई ने कहा है कि वैज्ञानिकों का ध्यान मुख्य रूप से स्पेसक्राफ्ट की गति को चंद्रमा की सतह के ऊपर धीमी करना होगा।

वो 17 मिनट
ISRO के वैज्ञानिकों के लिए 17 मिनट का समय लैंडर की लैंडिंग के लिए काफी अहम बताए गए है। इस पूरे प्रोसेस को पूरा होने में 17 मिनट का वक्त लगेगा। लैंडर का इंजन तैयार होने के बाद यह ठीक मात्रा में ईंधन का प्रयोग करेगा और आखिरकार यह चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
पहले की गलतियां
Chandrayaan 3 को Chandrayaan 2 के फॉलोअप में भेजा जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग को दर्शाना है, चांद की सतह का परीक्षण करना है। बता दें Chandrayaan 2 का लैंडर विक्रम लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था। 2008 में Chandrayaan का पहला मिशन चांद पर पहुंचा था, जिसके बाद 7 सितंबर 2019 को Chandrayaan 2 चांद पर पहुंचा था और सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान यह क्रैश हो गया था।
रूस की विफलता
रूस ने हाल ही में चांद पर लूना 25 स्पेसक्राफ्ट को भेजा था। लेकिन रूस का यह मिशन विफल हो गया था। स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर लैंड करने से पहले ही नियंत्रण से बाहर चला गया था।

Prachi Chaudhary

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