Former Prime Minister Dr. Manmohan Singh passed away: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: उत्तराखंड से गहरा जुड़ाव, कोहली परिवार और देहरादून की अनमोल यादें
Former Prime Minister Dr. Manmohan Singh passed away: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का उत्तराखंड से गहरा संबंध था। वह अक्सर देहरादून में कोहली परिवार से मिलने आते थे। उनके निधन से कोहली परिवार में गहरा शोक फैल गया है, और इसे देश तथा समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
Former Prime Minister Dr. Manmohan Singh passed away: नई दिल्ली/देहरादून: देश ने गुरुवार रात अपने महान नेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। उनके निधन की खबर से पूरा देश शोक में डूब गया है। केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है, और शुक्रवार को सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अपनी अतुलनीय सेवाओं के लिए जाने जाते थे। उनके कुशल नेतृत्व ने देश को आर्थिक सुधारों की नई दिशा दी। परंतु उनके जीवन के एक कम चर्चित पहलू में उत्तराखंड, विशेष रूप से देहरादून से उनका गहरा भावनात्मक और पारिवारिक जुड़ाव शामिल था।
देहरादून और उत्तराखंड से आत्मीय संबंध
डॉ. मनमोहन सिंह का उत्तराखंड से विशेष लगाव उनके पारिवारिक संबंधों के माध्यम से विकसित हुआ। उनके ताऊ स्वर्गीय गोपाल सिंह कोहली का देहरादून के रेसकोर्स इलाके में निवास था। जब भी उन्हें अवसर मिलता, वे यहां आते और अपने परिवार के साथ समय बिताते।
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डॉ. सिंह का अपने चचेरे भाइयों, स्वर्गीय हरभजन सिंह कोहली और अमरजीत सिंह कोहली से गहरा जुड़ाव था। उनके परिवार का कहना है कि देहरादून उनके लिए सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक घर जैसा था। यह स्थान उन्हें सुकून और आत्मीयता का एहसास दिलाता था।
जौलीग्रांट हिमालयन इंस्टिट्यूट से संबंध
डॉ. मनमोहन सिंह के जौलीग्रांट हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक स्वामी राम जी के साथ भी व्यक्तिगत संबंध थे। देहरादून प्रवास के दौरान वे स्वामी राम जी से अक्सर मुलाकात करते थे। यह रिश्ता उनके सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक था।
परिवार में शोक की लहर
डॉ. सिंह के निधन की खबर से कोहली परिवार में शोक व्याप्त है। उनके चचेरे भाई अमरजीत सिंह कोहली ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हमारे परिवार और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी सादगी, उनका ज्ञान और उनका योगदान अमूल्य है।”
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आर्थिक सुधारों के जनक
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक उदारीकरण का जनक माना जाता है। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने साहसिक आर्थिक सुधार किए, जिन्होंने देश की डगमगाती अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में उन्होंने भारतीय बाजारों को वैश्विक निवेश के लिए खोला, जिससे देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई।
प्रधानमंत्री के रूप में (2004-2014) उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए। 2005 में उन्होंने वैट (VAT) प्रणाली लागू की, जिससे सेल्स टैक्स की जटिलता समाप्त हुई। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत की, जिसे आज मनरेगा के नाम से जाना जाता है। यह योजना ग्रामीण रोजगार उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित हुई।
भारत को नई दिशा दी
डॉ. सिंह ने अपने राजनीतिक और आर्थिक करियर में कई ऐतिहासिक कदम उठाए, जिन्होंने भारत को एक नई पहचान दी। उनके निर्णयों ने देश को आर्थिक और वैश्विक मंच पर मजबूती प्रदान की।
एक युग का अंत
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति में एक युग के अंत का प्रतीक है। उनकी सादगी, धैर्य और दूरदृष्टि ने उन्हें न केवल एक महान नेता, बल्कि करोड़ों लोगों का आदर्श बनाया। उनका योगदान भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
उत्तराखंड, विशेष रूप से देहरादून, उन्हें हमेशा गर्व और भावुकता के साथ याद करेगा। डॉ. सिंह की यहां की यादें उनकी विरासत का हिस्सा रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।
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