उत्तराखंड पूर्व डीजीपीःबीएस सिद्धू के खिलाफ वन विभाग ने दर्ज कराया मुकदमा
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने 2012 में मसूरी वन विभाग के वीरगिरवाली गांव में 1.50 एकड़ जमीन खरीदी थी। इसके बाद उन्होने 2013 में इस जमीन पर वन विभाग के कर्मचारियों की मद्द से 250 पेड़ों को का अवैध कटान करा दिया था। हालांकि बाद में इस मामले का खुलासा होने पर इस जमीन की रजिस्ट्री को रद्द कर दिया गया था।
देहरादून। वन विभाग ने उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। वन विभाग को उत्तराखंड शासन ने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति दे दी थी। सिद्धू पर सरकारी जमीन खरीदने और उस पर उगे पेड़ों की अवैध कटान कराने के आरोप हैं।
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने 2012 में मसूरी वन विभाग के वीरगिरवाली गांव में 1.50 एकड़ जमीन खरीदी थी। इसके बाद उन्होने 2013 में इस जमीन पर वन विभाग के कर्मचारियों की मद्द से 250 पेड़ों को का अवैध कटान करा दिया था। हालांकि बाद में इस मामले का खुलासा होने पर इस जमीन की रजिस्ट्री को रद्द कर दिया गया था।
बीएस सिद्धू की ओर से भी थाना राजपुर में 9 जुलाई, 2013 को कई लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि संबंधित जमीन नत्थूराम निवासी काशीराम क्वाटर दून निवासी के नाम था। शरद सूद ने सतीश गुप्ता, वेद महावार के साथ मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटॉरनी से जमीन 3 अक्टूबर, 2012 को उनके नाम कर दी थी।
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यह मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय के यहां चल रहा है। पुलिस की चार्जशीट में बताया गया कि यह जमीन रिजर्व फॉरेस्ट की थी। इस जमीन में 250 पेड़ भी थी, जिन्हें रजिस्ट्री कराते हुए छिपाया गया। इन सभी पेड़ों का कटान वनकर्मी जगमोहन रावत, प्रसाद सकलानी, ठेकेदार कुलदीप नेगी ने कटवा दिये। इस मामले में जांच कराने पर प्रभागीय वनाधिकारी धीरज पांडे व वीरेन्द्र जोशी ने बचाने का काम किया।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय संजय सिंह ने अब समन जारी कर पांचों आरोपियो को 5 दिसम्बर में अदालत में हाजिर होना है।