Kedarnath by-election: भाजपा-कांग्रेस सहित चार प्रत्याशियों ने किया नामांकन, मुख्यमंत्री धामी और शीर्ष नेताओं ने बढ़ाया प्रत्याशियों का हौसला
Four candidates including BJP-Congress filed nominations, Chief Minister Dhami and top leaders encouraged the candidates.
Kedarnath by-election: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को नामांकन प्रक्रिया का पहला दिन विशेष हलचल भरा रहा। भाजपा, कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के साथ-साथ एक निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया। ऊखीमठ तहसील में पुलिस सुरक्षा के बीच प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ी, और इस दौरान पूरे क्षेत्र को जीरो जोन घोषित किया गया ताकि नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से सम्पन्न हो सके।
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) प्रत्याशी का नामांकन
सबसे पहले उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी डॉ. आशुतोष भंडारी ने परंपरागत ढोल-दमो की धुन पर जुलूस निकालते हुए नामांकन किया। यूकेडी का यह चुनावी रुख स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित है, और भंडारी ने नामांकन के बाद राज्य के 1950 के मूल निवास कानून, भू कानून, राजधानी गैरसैंण को स्थापित करने और यूसीसी ड्राफ्ट में आवश्यक संशोधन जैसे मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूकेडी हमेशा उत्तराखंड के मूल मुद्दों को लेकर प्रतिबद्ध रही है और इस चुनाव में वे इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। यूकेडी अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत और अन्य कार्यकर्ता भी इस मौके पर उनके साथ मौजूद रहे।
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल का नामांकन
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के नामांकन के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और अन्य शीर्ष नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में अरबों की विकास योजनाएं शुरू की गई हैं, जो जनता को नए अवसर प्रदान करेंगी और क्षेत्र की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाएंगी। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष अनर्गल आरोप लगा रहा है और अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रहा है। धामी ने विश्वास जताया कि भाजपा प्रत्याशी को भारी मतों से जीत हासिल होगी, और जनता इस बार भी भाजपा पर अपना भरोसा जताएगी।
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत का नामांकन
कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार मनोज रावत ने भी सोमवार को अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जिला अध्यक्ष कुंवर सजवाण, और प्रमुख प्रदीप थपलियाल सहित कई अन्य प्रमुख कांग्रेस नेता मौजूद रहे। नामांकन के बाद मनोज रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने केदारनाथ यात्रा को अनावश्यक रूप से डाइवर्ट कर स्थानीय छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों ने स्थानीय व्यवसायों और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, और जनता इस चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है।
निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान का नामांकन
निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान ने पारंपरिक धोती-कुर्ता पहन कर नामांकन किया, जो उनकी एक अलग पहचान बन गई। उनके साथ भी काफी समर्थक मौजूद थे और सभी का ध्यान उनकी पारंपरिक वेशभूषा पर था। चौहान ने कहा कि वे इस क्षेत्र के निवासी हैं और केदार घाटी की समस्याओं से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि घाटी के लोग बेरोजगारी और आपदाओं की मार झेल रहे हैं, और वे जनता के सच्चे प्रतिनिधि के रूप में उनकी आवाज बनकर इस चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं।
नामांकन का समापन और आगामी चुनाव की तैयारियां
इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा, कांग्रेस और यूकेडी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान ने भी अपने स्वतंत्र तरीके से जनता का ध्यान खींचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा और यूकेडी अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत की मौजूदगी से नामांकन का यह दिन महत्वपूर्ण बन गया।
केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में नामांकन के साथ ही चुनावी माहौल गर्म हो गया है और सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी रणनीति बनाकर जनता के बीच जाकर समर्थन मांगने की तैयारी में जुट गए हैं। क्षेत्र में विकास, स्थानीय मुद्दे और सरकार की नीतियों पर ही इस उपचुनाव का नतीजा निर्भर करेगा।