हिमाचल में बाढ़ आपदा पर भूवैज्ञानिकों ने NHAI पर फोड़ा ठिकरा, बताया पहाड़ों की कटाई ने मचाई त्रासदी
Flood Disaster in Himachal : हिमाचल में कुदरत का कहर जारी है। तबाही का सिलसिला भी लगातार है। तमाम आपदाओं ने लोगों की जिंदगी तहस-नहस कर दी है। इस हफ्ते की बात की जाए तो अभी हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचा कर रखी है। कहीं से भी राहत नहीं मिल पा रही है। लोगों को त्रासदी का सामना करना पड़ा रहा है। कुदरत के कहर ने सब कुछ तहस-नहस करके रख दिया है। तमाम बस्ती-झुग्गियां बारिश की चपेट में ऐसे बह गई जिनका कुछ पता ही नहीं चला। बारिश की वजह से भूस्खलन ने लाखों हजारों की आबादी वाली बस्तियों को अपने आगोश में ले लिया। कई सड़के नदियों में तब्दील हो गई। बड़ी संख्या में मकान ध्वस्त हो गए। आलीशान इमारतें ताश के पत्तें की तरह ढह गई।
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अभी तक ये तमाम सारी घटनाएं घटित हुई हैं। इन्हीं सब के बीच बीते दिनों शिमला में भूस्खलन की चपेट में शिव मंदिर में बड़ी हादसा हुआ था। तो वहीं इन आपदाओं को लेकर भूवैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पहाड़ों की कटाई की वजह से ढलानों को पूरी तरह से अस्थिर और जर्जर कर दिया है। हिमाचल में अब तक हुई आपदाओं को लेकर भूवैज्ञानिकों ने सीधा NHAI यानी की राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराया है।
इससे पहले भी लैंडस्लाइड ने भयावह मंजर खड़ा कर दिया है। लैंडस्लाइड में लोगों के घर तहस-नहस हो गए। भारी बारिश के चलते चट्टान तक खिसक गई। लैंडस्लाइड के मलबे में कई लोगों के फंसे होने की भी खबर थी। जिसमें 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। हिमाचल में मची तबाही की वजह सिर्फ पहाड़ों की कटाई है। दरअसल यहां पर एक शिव मंदिर भूस्खलन की चपेट में आ गया था। इस भयावह हादसे ने लोगों को दूसरी तबाही दिखा दी। जिसमें करीब 50 लोग मंदिर के मलबे में दब गए थे। जहां मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने घटना स्थल पर आनन-फानन में पहुंचकर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी किया।