Gorakhpur News: निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री डॉक्टर संजय निषाद बुधवार को यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(सीजेएम) को कोर्ट में खुद ही पेश हुए। इसले उनके उनके खिलाफ तीन दिन पूर्व जारी हुआ गैर जमानती वारंट निरस्त कर दिया गया है। निषाद अपने अधिवक्ता व समर्थकों के साथ पहुंचे थे। उधर तीन दिन के अंदर उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट नं.2में भी पेश होना होगा। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) ने मंगलवार को उनके घर पर अदालत से जारी समन चस्पा किया था।
संजय निषाद के खिलाफ 7 जून, 2015 को आगजनी, बलवा, तोड़फोड़ आदि गंभीर धाराओं में थाना शाहपुर में केस दर्ज कराया गया था। अदालत ने उन्हें कई बार समन जारी किया लेकिन वे पेश नहीं हो सके थे। कोर्ट में हाजिर होने से पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने शोषित समाज को हक दिलाने के लिए कसरवल आंदोलन में लाठियां खाईं थीं। मत्स्य मंत्री ने आरोप लगा की सपा सरकार की क्रूरता के वजह उनके व समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें जेल भी जाना पड़ा था।
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बता दें कि 2015 में कसरवल आंदोलन हुआ था, जिसमें संजय निषाद जेल गये, उन्होने लाठियां खाईं। उन्होने पिछड़े शोषित और कमजोर समाज को हक दिलाने के लिए संघर्ष किया था बुधवार को उसी मुकदमे में निषाद व उनके 37 साथी कोर्ट में हाजिर हुए। उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री निषाद ने कहा कि इस केस में उनकी जमानत हो चुकी है, उसे रिकाल कराया जाता है। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट का सम्मान करते हैं, इसलिए स्वतः ही कोर्ट के सामने उपस्थित हुए।उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मुकदमा है। उन्होंने रेलवे के मुकदमों के बारे में कहा कि रेलवे के मुकदमे में भी जमानत है।
उधर निषाद को इसी सप्ताह एमपी-एमएलए कोर्ट नं.2में भी पेश होना होगा। इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) मंगलवार को अदालत से जारी समन को उनके घर पर चस्पा कर उन्हें सूचित कर चुकी है।