Green cess implemented in Uttarakhand: उत्तराखंड में ग्रीन सेस लागू: बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर नया टैक्स, नए साल से व्यवस्था लागू
Green cess implemented in Uttarakhand: उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर अब लगेगा Green cess। नए साल से होगी शुरुआत प्रदेश में अब पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बाहरी वाहनों पर नया टैक्स लगाया जाएगा, जिसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
Green cess implemented in Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में आने वाले बाहरी वाहनों से ग्रीन सेस वसूलने का निर्णय लिया है, जो नए साल से लागू होगा। यह कदम राज्य में पर्यावरण संरक्षण और सड़कों के रखरखाव के लिए राजस्व बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
ऑनलाइन ग्रीन सेस वसूली की योजना
उत्तराखंड संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि फिलहाल राज्य में भारी कमर्शियल वाहनों से ग्रीन सेस वसूला जा रहा है। यह प्रक्रिया अभी मैन्युअल तरीके से होती है, जिसमें बॉर्डर पर पर्ची काटकर शुल्क वसूला जाता है। हालांकि, अब सरकार इसे फास्ट टैग वॉलेट के माध्यम से ऑनलाइन करने की योजना बना रही है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि वसूली की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
निजी और छोटे वाहनों पर भी सेस लागू होगा
वर्तमान में केवल भारी कमर्शियल वाहनों से ₹80 प्रति वाहन ग्रीन सेस वसूला जा रहा है। निजी और छोटे वाहनों के लिए ₹40 का सेस तय है, जो 24 घंटे के लिए मान्य रहेगा। अभी तक निजी वाहनों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा था, लेकिन नई प्रणाली लागू होने के बाद इनसे भी ग्रीन सेस वसूला जाएगा। अनुमान है कि इस व्यवस्था से राज्य को सालाना लगभग ₹75 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
राजस्व में होगी दोगुनी वृद्धि
सरकार ग्रीन सेस की वर्तमान दरों में संशोधन पर भी विचार कर रही है। हिमाचल प्रदेश में ग्रीन सेस की दरें उत्तराखंड की तुलना में तीन गुना अधिक हैं। यदि उत्तराखंड में भी दरों को दोगुना किया गया, तो राज्य को सालाना ₹120 करोड़ से ₹150 करोड़ तक की आय हो सकती है। यह अतिरिक्त राजस्व प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मददगार साबित होगा।
निजी कंपनी को संचालन का जिम्मा
उत्तराखंड परिवहन विभाग ने ग्रीन सेस की स्वचालित वसूली के लिए एक निजी कंपनी को हायर करने की तैयारी कर ली है। टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और दिसंबर के पहले सप्ताह में कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद सभी औपचारिकताएं पूरी करके नए साल से ग्रीन सेस वसूली की नई प्रणाली लागू कर दी जाएगी।
डाटा सेंटर और निगरानी प्रणाली का विकास
परिवहन विभाग भविष्य में ग्रीन सेस वसूली प्रणाली को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए एक डाटा सेंटर भी स्थापित करेगा। इस सेंटर में उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों की पूरी जानकारी दर्ज होगी और इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। फिलहाल, राज्य के बॉर्डर क्षेत्रों में 17 कैमरे लगे हुए हैं, जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) तकनीक का उपयोग कर वाहनों की जानकारी जुटाते हैं। इसके लिए इंटेलिजेंट टोलिंग सिस्टम (ITS) सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक लाभ का संयोजन
यह नई व्यवस्था उत्तराखंड सरकार के पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक मजबूती के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। ग्रीन सेस से होने वाली आय का उपयोग राज्य में सड़कों की देखरेख, पर्यावरणीय योजनाओं और अन्य विकास कार्यों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह पहल उत्तराखंड को स्वच्छ और हरित राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
नए साल से होगी शुरुआत
नई ग्रीन सेस प्रणाली नए साल के पहले दिन से लागू होगी। इसके बाद बाहरी राज्यों से आने वाले सभी प्रकार के वाहनों को यह शुल्क देना अनिवार्य होगा। उत्तराखंड सरकार की इस पहल से जहां एक ओर राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं राज्य में आने वाले पर्यटकों और निवेशकों के लिए भी एक पारदर्शी व्यवस्था लागू होगी।
यह कदम उत्तराखंड की आर्थिक सुदृढ़ता और पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा देगा, साथ ही प्रदेश को भविष्य में स्वच्छ और हरित राज्य के रूप में स्थापित करेगा।