Leopard near Pauri court premises: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गुलदार का आतंक एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस बार गुलदार जिला मुख्यालय पौड़ी के न्यायालय परिसर के नजदीक नजर आया है, जिसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। गुलदार एक शावक के साथ कोर्ट परिसर के पास देखा गया, जिसे स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया। गुलदार की यह चहल-कदमी इलाके में चर्चा का विषय बन गई है और लोगों में भय का माहौल है।
न्यायालय परिसर में गुलदार की मौजूदगी से हड़कंप
स्थानीय लोगों का कहना है कि गुलदार और उसका शावक कोर्ट परिसर के पास दिखाई दिए, जिसके बाद से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पौड़ी न्यायालय परिसर, एसडीएम सदर कार्यालय परिसर, सर्किट हाउस और आसपास की आवासीय बस्तियों के समीप लगातार गुलदार की गतिविधियां देखी जा रही हैं। हालांकि, वन विभाग को इस बारे में कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी गई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि गश्त न बढ़ाए जाने के कारण गुलदार बार-बार रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
वन विभाग की प्रतिक्रिया: गश्त बढ़ाने के निर्देश
गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के नागदेव रेंज वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल ने कहा कि न्यायालय परिसर क्षेत्र में गुलदार के चहलकदमी की सूचना अभी तक उनके पास नहीं पहुंची थी। हालांकि, क्षेत्र में वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है, जिसे बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। यदि जरूरत पड़ी, तो न्यायालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पिंजरे भी लगाए जाएंगे, ताकि गुलदार को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि उन्हें गुलदार के न्यायालय परिसर के पास दिखाई देने की जानकारी प्राप्त हुई है। अधिकारियों को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और क्षेत्र में पिंजरे लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नागदेव रेंज पहले से ही गुलदार प्रभावित क्षेत्र है, जहां बड़ी संख्या में गुलदार मौजूद हैं। अक्सर ये गुलदार भोजन और पानी की तलाश में आवासीय बस्तियों की ओर रुख कर जाते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं।
इलाके में गुलदार का आतंक, पहले भी कर चुका है हमला
गुलदार की यह उपस्थिति कोई नई बात नहीं है। कुछ दिन पहले ही चाकीसैंण तहसील के मरखोला गांव में भी एक बुजुर्ग महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया था। घटना तब हुई, जब महिला घास लेने के लिए खेतों की ओर गई थी। अचानक गुलदार ने महिला पर हमला कर दिया और उसके गाल, हाथ और कंधे पर अपने नाखूनों से गहरे घाव कर दिए। गनीमत रही कि महिला के शोर मचाने पर गुलदार भाग खड़ा हुआ और आसपास के लोगों ने समय रहते महिला को बचा लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने घायल महिला को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार और मरहम पट्टी के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
गुलदार के लगातार रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि अगर जल्द ही वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह गुलदार किसी बड़ी घटना का कारण बन सकता है।
वन विभाग की योजना
डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने कहा कि क्षेत्र में पहले से ही गुलदार के आतंक को लेकर वन विभाग सतर्क है। गश्त की संख्या बढ़ाने और पिंजरे लगाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुलदार की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए आसपास के जंगलों में मांसाहारी जानवरों के लिए उपयुक्त भोजन और पानी की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे बस्तियों की ओर न आएं। इसके अलावा, वन विभाग स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाएगा और उन्हें गुलदार की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करेगा।