Diabetes Control: गुड़मार,भारत में डायबिटीज नियंत्रण के नए आयुर्वेदिक दावेदारी
भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। आयुर्वेद में "गुड़मार" नामक पौधे को ब्लड शुगर नियंत्रित करने में बेहद प्रभावी माना जाता है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, गुड़मार का नियमित सेवन टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के नियंत्रण में मददगार हो सकता है।
Diabetes Control: भारत में वर्तमान में 10.1 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह या उच्च रक्त शर्करा से प्रभावित हैं। यह मेटाबोलिक विकार तब होता है जब शरीर इंसुलिन का उत्पादन या उपयोग ठीक से नहीं कर पाता, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। दिन‑प्रतिदिन बढ़ता यह आंकड़ा बताता है कि जीवनशैली और आहार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है
गुड़मार क्या है और क्यों इसे ‘शुगर नाशक’ कहते हैं
गुड़मार (Gymnema sylvestre), जिसे हिंदी में ‘शर्करा नाशक’ भी कहा जाता है, एक औषधीय लता है। इसके पत्तियों में मौजूद जिमनेमिक एसिड रक्त में शर्करा अवशोषण को कम करके ग्लूकोज नियंत्रण में सहायक होता है। यह मीठे स्वाद रिसेप्टर्स को अस्थायी रूप से ब्लॉक करता है, जिससे मीठे चाटने की इच्छा कम हो जाती है ।
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वैज्ञानिकों के अध्ययन क्या बताते हैं?
मेटा‑विश्लेषण (2021) अनुसार, Type 2 डायबिटीज रोगियों में गुड़मार सप्लीमेंट लेने से फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, पोस्ट-प्रांडियल ब्लड ग्लूकोज और HbA1c में उल्लेखनीय कमी देखी गई। साथ ही ट्राइग्लिसराइड्स व कुल कोलेस्ट्रॉल में भी सुधार हुआ ।
प्री‑क्लिनिकल अध्ययन में गुड़मार प्लांट के अर्क से चूहों में इंसुलिन उत्पादन में वृद्धि और रक्त शर्करा का दीर्घकालिक संतुलन पाया गया ।
गुड़मार एंटीऑक्सीडेंट, विरोधी‑सूजन, और लिपिड नियंत्रण में भी सहायक साबित हुआ।
गुड़मार के फायदे: वैज्ञानिक दृष्टिकोण
शर्करा की लालसा घटता है
जिमनेमिक एसिड मीठे स्वाद रिसेप्टर्स को अस्थायी रूप से ब्लॉक करता है, जिससे मीठा खाने की इच्छा कम होती है ।
रक्त शर्करा और HbA1c में सुधार
अध्ययन दिखाते हैं कि गुड़मार लेने से फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्ट-प्रांडियल शुगर और HbA1c स्तर में काफी कमी आती है
इंसुलिन उत्पादन में सहारा
शोध के अनुसार गुड़मार β‑कोशिकाओं का पुनःउत्पादन और इंसुलिन स्राव बढ़ाने में मदद करता है ।
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लिपिड प्रोफ़ाइल में सुधार
गुड़मार कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में भी असरदार है
कैसे करें गुड़मार का उपयोग?
पत्ते का पाउडर: दोपहर और रात के भोजन के आधे घंटे बाद आधा चम्मच गुड़मार का पाउडर पानी के साथ लें।
चाय/काढ़ा: गुड़मार की पत्तियों को उबालकर सुबह‑शाम चाय की तरह पीएं।
कैप्सूल/सप्लीमेंट: चिकित्सकीय सलाह पर 200–400 मिलीग्राम जिमनेमिक एसिड दैनिक रूप से लें ।
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सावधानियाँ व सलाह
गुड़मार ब्लड शुगर को कम करने में सहायक है, इसलिए इसे अन्य शुगर दवाइयों के साथ लेने पर हाइपोग्लाइसीमिया (कम शुगर) का खतरा हो सकता है ।
गर्भवती महिलाएं, बच्चे, लीवर या गुर्दा की बीमारी वाले लोग इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
सप्लीमेंट्स का चयन करते समय अच्छी गुणवत्ता, प्रमाणित उत्पाद ही खरीदें क्योंकि FDA द्वारा नियंत्रित नहीं है ।
गुड़मार एक उम्मीद है
गुड़मार न सिर्फ पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान से जुड़ा पौधा है बल्कि आधुनिक अध्ययन भी इसके लाभ को मानता है। यह ब्लड शुगर नियंत्रण, इंसुलिन उत्पादन, शुगर की लालसा कम करने और लिपिड प्रोफ़ाइल सुधार में सहायक है। हालांकि, इसे एकमात्र उपचार के रूप में लेने की बजाय संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम और चिकित्सीय मार्गदर्शन के साथ इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है।
डायबिटीज़ एक घातक बीमारी का रूप ले चुकी है, लेकिन गुड़मार जैसे प्राकृतिक उपायों और बदलती जीवनशैली के साथ इसे अच्छे से प्रबंधित किया जा सकता है। सही नियोजन + वैज्ञानिक सहायता = स्वस्थ और नियंत्रित जीवन।
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